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वन्य जीवों के अंग तस्करी में पलामू से पारा शिक्षक समेत तीन लोग धराये

जमशेदपुर वन डिवीजन की टीम ने पलामू समेत आसपास के इलाके में छापेमारी कर एक पारा टीचर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से वन विभाग की टीम ने दो हिरण का सिंग, साहिल का पंख, बाघ, तेंदुआ और अन्य वन्य जीवों को फंसाने का जाल समेत अन्य हथियार भी जब्त किया है.

तस्करों के पास से बरामद जानवरों के अंग की कीमत 50 लाख से एक करोड़ के बीच

हिरण का सिंग, साहिल का पंख, जानवरों को फंसाने का जाल समेत अन्य सामान बरामद

अबतक आठ गिरफ्तार, देश के कई हिस्सों में फैला है यह नेटवर्क

राजस्थान से जुड़े हैं तार, वन्य जीवों के तस्कर सियार गिरोह के लिए काम करते थे ये सदस्य

पलामू टाइगर रिजर्व में एक बाघ और छह तेंदुआ का शिकार कर चुका है यह गिरोह

जमशेदपुर :

जमशेदपुर वन डिवीजन की टीम ने पलामू समेत आसपास के इलाके में छापेमारी कर एक पारा टीचर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से वन विभाग की टीम ने दो हिरण का सिंग, साहिल का पंख, बाघ, तेंदुआ और अन्य वन्य जीवों को फंसाने का जाल समेत अन्य हथियार भी जब्त किया है. पकड़े गये लोगों में शामिल दिनेश्वर सिंह पारा टीचर है. इससे पहले भी पांच लोगों को वन विभाग की टीम तेंदुआ के खाल के साथ गिरफ्तार कर चुकी है. इस मामले में अब तक कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें पलामू का राजकुमार यादव, विजय कुमार, जाकिर हुसैन, दिनेश्वर सिंह, विजय यादव और चाईबासा का पूर्व सैनिक श्याम कुजूर, उसका साथी सुरेश कुजूर शामिल है.

यह सभी लोग राजस्थान के वन्य जीवों के तस्कर गिरोह ”सियार ग्रुप” से जुड़े हुए हैं. इस गिरोह के लोगों ने ही इन लोगों को ट्रेनिंग दी थी, जिसके बाद ये लोग झारखंड में वन्य जीवों की हत्या कर रहे थे और उनके खाल समेत शरीर के अन्य हिस्सों का कारोबार करते थे.

पलामू टाइगर रिजर्व एरिया में छह तेंदुआ और एक बाघ का किया शिकार

गिरफ्तार तस्करों ने वन विभाग की टीम को बताया कि पलामू टाइगर रिजर्व एरिया में छह तेंदुआ और एक बाघ को मारा गया है और उसके खाल की तस्करी की गयी है. पकड़े गये लोगों में पलामू जिले के चांदो गांव के रहने वाले जाकिर हुसैन, पलामू के ही चैनपुर थानाा क्षेत्र के मुरु और पड़साखार गांव से दिनेश्वर सिंह और पलामू के ही रामगढ़ थाना क्षेत्र के महावतमुरिया गांव से विजय यादव शामिल हैं. इन तीनों को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया.

वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की निशानदेही पर हुई कार्रवाई

डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की ओर से दी गयी सूचना के आधार पर यह पूरी कार्रवाई की गयी. इस काम में डीएफओ ने वन क्षेत्र पदाधिकारी दिग्विजय सिंह को लगाया था. उन्होंने जाल बिछाया और खरीददार बनकर तस्करों से बातचीत की. तस्कर साकची में तेंदुआ का खाल बेचने के लिए आये थे. जैसे ही बैग से बेचने के लिए तेंदुआ का खाल निकाला, वैसे ही वन क्षेत्र पदाधिकारी दिग्विजय सिंह ने राजकुमार नामक व्यक्ति को धर दबोचा. उससे पूछताछ के आधार पर अन्य लोगों की गिरफ्तारी हुई.

दवा और सजाने के शौकीन एक करोड़ तक में खरीदते थे

डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि बरामद किये गये खाल, हिरण के सिंग और साहिल के पंख जैसे अन्य उत्पादों का पूजा-पाठ में इस्तेमाल किया जाता है. अंधविश्वास के चक्कर में भी लोग मोटी रकम देकर इसे खरीदते हैं. वहीं, कई लोग दवा बनाने में इसका इस्तेमाल करते हैं. कई शौकीन इसको सजाने के लिए भी खरीदते हैं. डीएफओ ने कहा कि बरामद दो हिरण का सिंग, तेंदुआ के खाल और साहिल के पंख की कीमत 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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