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Bihar Land Survey: गोपालगंज में पुरखों की जमीन बचाने के लिए स्टांप काउंटर पर आपाधापी, जानें वंशावली बनाने में क्या है जरूरी

Bihar Land Survey: जमीन मालिकों के लिए पुश्तैनी जमीन को जीवित वंशज के नाम कराने के लिए आवेदन फॉर्म के साथ वंशावली देना होगा, इसलिए रात के दो बजे, तो कोई चार बजे सुबह से स्टांप काउंटर पर खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे है.

Bihar Land Survey: गोपालगंज. पुरखों की पुश्तैनी जमीन बचाने के लिए जमीन मालिक जागरूक हो गये हैं. सर्वे से पहले जरूरी दस्तावेजों को तैयार कर रहे हैं. जमीन मालिकों के लिए पुश्तैनी जमीन को जीवित वंशज के नाम कराने के लिए आवेदन फॉर्म के साथ वंशावली देना होगा, इसलिए पहले अपनी वंशावली तैयार करने में सभी जुटे हुए हैं. वंशावली बनवाने के लिए ग्रामीण इलाके से जमीन मालिक शहर की ओर दौड़ रहे हैं. इनमें सर्वाधिक परेशानी कचहरी परिसर में शपथपत्र बनवाने में हो रही है. शपथपत्र के लिए लोग रतजगा कर रहे हैं और जमीन मालिकों की लंबी-लंबी कतारें लग रही है. वहीं, अधिवक्ता या आम लोगों को दूसरे कार्य के लिए शपथपत्र बनवाने में परेशानी हो रही है. शुक्रवार को कड़ी धूप में भीड़ की वजह से अफरातफरी का माहौल रहा. जमीन मालिकों ने सरकार से वंशावली बनवाने के लिए प्रक्रिया को और सरल करने तथा पंचायत स्तर पर बनाने के लिए टिकट काउंटर खोलने की मांग की है.

एक व्यक्ति को दो स्टांप मिलेंगे

कचहरी परिसर में स्टांप काउंटर पर एक व्यक्ति को दो टिकट ही मिल रहा. टिकट की कालाबाजारी नहीं हो, इसलिए टिकट काउंटर पर इससे संबंधित नोटिस भी चस्पां दिया गया है. महिलाओं के लिए एक काउंटर बना है, जबकि दूसरा काउंटर पुरुषों के लिए बनाया गया है. दोनों ही काउंटर पर जमीन मालिकों की लंबी कतार लगी हुई थी.

हेलमेट व ईंट रखकर लगाया नंबर

स्टांप काउंटर के पास अत्यधिक भीड़ होने की वजह से कतार लगाने की व्यवस्था हुई. सुबह के 9 बजकर 30 मिनट से शाम के 4 बजकर 30 मिनट तक काउंटर खुल रहा है. काउंटर पर भीड़ और धूप होने की वजह से सुबह के चार बजे, तो कोई दो बजे रात में ही पहुंच जा रहा है. कतार लगाने के लिए हेलमेट, ईंट या झोला सिलसिलेवार रख दे रहे हैं.

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वंशावली बनाने में यह है जरूरी

जमीन मालिक के पते का प्रमाण (राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड आदि) सभी परिवार के सदस्यों के लिए जन्म प्रमाणपत्र परिवार के किसी सदस्य द्वारा शपथ पत्र, जिसमें परिवार की वंशावली का उल्लेख हो (नोटरी द्वारा सत्यापित) मृत्यु प्रमाणपत्र (यदि मृतक परिवार के सदस्यों के लिए लागू हो) ये तमाम डॉक्यूमेंट लगने के बाद वंशावली बन रही है, जिसका सत्यापन पंचायत के सचिव द्वारा किया जा रहा है.

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