-संतमत सत्संग आश्रम में सांध्यकालीन सत्संग-प्रवचन का हुआ आयोजन कटोरिया. कटोरिया बाजार के सुइया रोड स्थित संतमत सत्संग आश्रम में सांध्यकालीन सत्संग कार्यक्रम का आयोजन हुआ. जिसमें महर्षि मेंही हृदय धाम कालीगढ़ी घुटिया आश्रम से पहुंचे स्वामी शांतानंद जी महाराज ने सत्संग व प्रवचन किए. इस क्रम में भजन, रामायण पाठ, आरती गान एवं प्रसाद वितरण का कार्यक्रम भी हुआ. जिसमें दर्जनों की संख्या में महिला-पुरूष सत्संग प्रेमियों ने भाग लिया. सत्संग कार्यक्रम की अध्यक्षता सचिव श्याम नारायण गुप्ता एवम संचालन सत्संग प्रेमी राजन कुमार चौरसिया ने किया. प्रवचन के दौरान पूज्य स्वामी शांतानंद जी महाराज ने अपने आध्यात्मिक प्रवचन में कहा कि स्थिरता व निश्चलता को शांति कहते हैं, जो शांति को प्राप्त कर लेते हैं, वही संत कहलाते हैं. सत्संग परमात्मा का नीज अंग है. हमें सदाचार, शिष्टाचार एवं सूच्याचार का पालन करना चाहिए. जिनके अंदर सदाचार की कमी है, वे मन को एकाग्र नहीं कर सकेंगे. संसार और शरीर रूपी जेल खाना से मुक्त होने के लिए सत्संग एवं साधना आश्यक है. बिना सद्गुरु की कृपा पाये जीवों का उद्धार संभव नहीं है. भगवान को भी ज्ञान प्राप्त करने के लिए संतो के पास जाना पड़ा है. अति अटल श्रद्धा व प्रेम से परमात्मा की भक्ति करने में ही मनुष्य जन्म की सार्थकता है. भजन कार्यक्रम में स्वामी शांतानन्द जी महाराज ने भजन “आओ वीरो मर्द बनो, अब जेल तुम्हें तजना होगा ” प्रस्तुत कर श्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस मौके पर सत्संग प्रेमीर जयप्रकाश वर्णवाल, विजय पोद्दार, जयप्रकाश केशरी, महेंद्र भगत, श्याम नारायण गुप्ता, कमलेश्वरी गाँधी, राजन कुमार चौरसिया, भास्कर केशरी, उदय केशरी, अगम वर्णवाल, अभय चौधरी, प्रमोद चौधरी, वासू साह, हार्दिक साह, संतदेव चौधरी, दीनदयाल वर्णवाल, दीपक चौधरी, सीताराम साह, शोभा देवी, किरण वर्णवाल, सुलोचना देवी, मीरा वर्णवाल, अमृता देवी, तारा देवी, आशा चौधरी, कल्याणी चौधरी, आशा केशरी, संगीता वर्णवाल, चाँदनी देवी , बेबी वर्णवाल, पूनम वर्मा, सुशीला वर्णवाल, सुभद्रा देवी, ललिता देवी सहित दर्जनों सत्संगी अनुयायी उपस्थित थे. -संतमत सत्संग आश्रम में सांध्यकालीन सत्संग-प्रवचन का हुआ आयोजन कटोरिया . कटोरिया बाजार के सुइया रोड स्थित संतमत सत्संग आश्रम में सांध्यकालीन सत्संग कार्यक्रम का आयोजन हुआ. जिसमें महर्षि मेंही हृदय धाम कालीगढ़ी घुटिया आश्रम से पहुंचे स्वामी शांतानंद जी महाराज ने सत्संग व प्रवचन किए. इस क्रम में भजन, रामायण पाठ, आरती गान एवं प्रसाद वितरण का कार्यक्रम भी हुआ. जिसमें दर्जनों की संख्या में महिला-पुरूष सत्संग प्रेमियों ने भाग लिया. सत्संग कार्यक्रम की अध्यक्षता सचिव श्याम नारायण गुप्ता एवम संचालन सत्संग प्रेमी राजन कुमार चौरसिया ने किया. प्रवचन के दौरान पूज्य स्वामी शांतानंद जी महाराज ने अपने आध्यात्मिक प्रवचन में कहा कि स्थिरता व निश्चलता को शांति कहते हैं, जो शांति को प्राप्त कर लेते हैं, वही संत कहलाते हैं. सत्संग परमात्मा का नीज अंग है. हमें सदाचार, शिष्टाचार एवं सूच्याचार का पालन करना चाहिए. जिनके अंदर सदाचार की कमी है, वे मन को एकाग्र नहीं कर सकेंगे. संसार और शरीर रूपी जेल खाना से मुक्त होने के लिए सत्संग एवं साधना आश्यक है. बिना सद्गुरु की कृपा पाये जीवों का उद्धार संभव नहीं है. भगवान को भी ज्ञान प्राप्त करने के लिए संतो के पास जाना पड़ा है. अति अटल श्रद्धा व प्रेम से परमात्मा की भक्ति करने में ही मनुष्य जन्म की सार्थकता है. भजन कार्यक्रम में स्वामी शांतानन्द जी महाराज ने भजन “आओ वीरो मर्द बनो, अब जेल तुम्हें तजना होगा ” प्रस्तुत कर श्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस मौके पर सत्संग प्रेमीर जयप्रकाश वर्णवाल, विजय पोद्दार, जयप्रकाश केशरी, महेंद्र भगत, श्याम नारायण गुप्ता, कमलेश्वरी गाँधी, राजन कुमार चौरसिया, भास्कर केशरी, उदय केशरी, अगम वर्णवाल, अभय चौधरी, प्रमोद चौधरी, वासू साह, हार्दिक साह, संतदेव चौधरी, दीनदयाल वर्णवाल, दीपक चौधरी, सीताराम साह, शोभा देवी, किरण वर्णवाल, सुलोचना देवी, मीरा वर्णवाल, अमृता देवी, तारा देवी, आशा चौधरी, कल्याणी चौधरी, आशा केशरी, संगीता वर्णवाल, चाँदनी देवी , बेबी वर्णवाल, पूनम वर्मा, सुशीला वर्णवाल, सुभद्रा देवी, ललिता देवी सहित दर्जनों सत्संगी अनुयायी उपस्थित थे.
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