Amrita Pritam Jayanti 2024: भारत की सबसे मशहूर कवयित्रियों में से एक अमृता प्रीतम की आज जयंती है. आज ही के दिन पाकिस्तान के गुजरांवाला में 31 अगस्त, 1919 को अमृता प्रीतम का जन्म हुआ था. अपने 60 साल के करियर में उन्होंने करीब 100 पुस्तकें लिखी जिसमें कविता, निबंध, लोक गीत और आत्मकथा जैसी कृतियां शामिल हैं. यहां हम बताने जा रहे हैं अमृता प्रीतम के अनमोल विचार
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भारतीय मर्द आज भी औरतों को परंपरागत काम करते देखने के आदि हैं. उन्हें बुद्धिमान औरतों की संगत तो चाहिए होती है लेकिन शादी के लिए नहीं। एक सशक्त महिला के साथ की कद्र करना अब भी उन्हें नहीं आया है.
अमृता प्रीतम
ऐसी कई कहानियां हैं जो कागजों में नहीं हैं, बल्कि औरतों के शरीर और उनके अंदर लिखी हुई हैं.
अमृता प्रीतम
जब कोई पुरुष महिलाओं की शक्ति को नकराता है, तो वह अपने ही अवचेतन को नकार रहा होता है.
अमृता प्रीतम
जिंदगी तुम्हारे उसी गुण का इम्तिहान लेती है, जो तुम्हारे भीतर मौजूद है…. मेरे अंदर इश्क था
अमृता प्रीतम
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प्रेम में पड़ी स्त्री को, तुम्हारे साथ सोने से ज़्यादा अच्छा लगता है तुम्हारे साथ जागना! पर अफसोस हमारे पुरुष प्रधान समाज की अधिकांश आबादी स्त्री को कामवासना की पूर्ति के साधन के अलावा कुछ समझ नहीं पाया ! मुझे ऐसे लोगों की सोच पर तरस आता है.
अमृता प्रीतम