पूसा : अनुसूचित जाति उप परियोजना के अन्तर्गत डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के अधीनस्थ कृषि विज्ञान केन्द्र, बिरौली में दस दिवसीय सिलाई एवं परिधान निर्माण विषय पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया. उक्त प्रशिक्षण में अनुसूचित जाति की महिलाओं को विभिन्न प्रकार के दैनिक उपयोग में आने वाले परिधान के सिलाई का प्रशिक्षण दिया गया. वस्त्रों में महिलाओं के परिधान जैसे-पेटीकोट, ब्लाउज, सलवार सूट बनाना सिखाया गया. यह सब सीखकर महिलाएं क्षेत्रीय अथवा व्यवसायिक स्तर पर सिलाई कर स्वरोजगार सृजन कर सकती है. महीने में छोटे तौर पर तीन हजार तक आय अर्जित कर आत्मनिर्भर बन सकती है. केंद्र की विषय वस्तु विशेषज्ञ गृह विज्ञान वर्षा कुमारी ने बताया कि आमतौर पर सालभर में हर महीने कोई न कोई त्योहार एवं अन्य शुभ अवसर पर सभी घरों में लोग नये परिधान पहनते हैं. किसी भी अवसरों पर सिलाई से प्रशिक्षित महिलाएं सिलाई कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकती हैं. साथ ही साथ ये प्रशिक्षित महिलाएं अन्य महिलाओं को प्रशिक्षण देकर जीविकोपार्जन में सहयोग कर सकती हैं. व्यवसायिक स्तर पर सिलाई करने के लिए शुरुआत में 15-20 हजार रुपये की लागत आती है एवं धीरे-धीरे विभिन्न प्रकार के सिलाई उपकरण के उपयोग द्वारा अच्छी कमाई भी की जा सकती है.
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