रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राजधानी रांची में सीवरेज-ड्रेनेज परियोजना को शीघ्र पूरा करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए माैखिक रूप से राज्य सरकार से पूछा कि रही स्मार्ट सिटी के अंदर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का प्रावधान है या नहीं. स्मार्ट सिटी का नक्शा पास करने के दौरान सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था रखी गयी थी या नहीं. खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि स्मार्ट सिटी के अंदर स्वयं का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट होना चाहिए. उसकी गंदगी बाहर क्यों फेंकी जायेगी. खंडपीठ ने राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद एचइसी को नोटिस जारी किया. पूछा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए रांची जिला प्रशासन द्वारा एचइसी क्षेत्र में चिह्नित की गयी तीन जगहों पर जमीन देने पर प्रबंधन क्या विचार रखता है. वहीं, राज्य सरकार को सीवरेज ड्रेनेज के लिए चिह्नित चार स्थलों की जमीन के बारे में जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से खंडपीठ को बताया कि सीवरेज-ड्रेनेज परियोजना के फेज टू, थ्री व फोर का काम राज्य सरकार को करना है. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए रांची जिला प्रशासन ने सात जगह पर जमीन चिह्नित किया है. इसमें से तीन स्थल की जमीन एचइसी क्षेत्र में पड़ती है, जबकि चार चिह्नित जमीन राज्य सरकार के अधीन है. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए एक चिह्नित स्थल स्मार्ट सिटी के पास में है. रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अरविंदर सिंह देओल ने जनहित याचिका दायर की है. पूर्व में रांची नगर निगम ने बताया था कि फेज-वन का कार्य रांची नगर निगम द्वारा कराया जा रहा है. 82 से 85 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. वही, फेज-टू, थ्री व फोर का निर्माण राज्य सरकार को करना है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है