Sarnath Tour: भगवान शिव की पावन भूमि वाराणसी से केवल 10 किलोमीटर दूर स्थित है दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित बौद्ध स्थलों में से एक सारनाथ. गंगा और वरुण नदी के संगम पर स्थित सारनाथ एक पवित्र पर्यटन स्थल है. यह वही जगह है, जहां भगवान बुद्ध ने पहली बार धर्म की शिक्षा या उपदेश दिया था.
सारनाथ में गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान और मोक्ष के उपलक्ष्य में मनाई जाने वाली बुद्ध पूर्णिमा का उत्सव बेहद खास होता है. दुनिया भर से बौद्ध तीर्थ यात्री बुद्ध पूर्णिमा मनाने सारनाथ आते हैं. यह पुरातात्विक स्थल भारत के सबसे प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में से एक है. वाराणसी आने वाले भक्त और पर्यटक एक बार सारनाथ जरूर एक्सप्लोर करें.
धामेक स्तूप (Dhamek Stupa)
पत्थर और ईंट से बना धामेक स्तूप एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जिसके निचले हिस्से पर गुप्तकालीन पुष्प नक्काशी की गई है. इस स्तूप की दीवारों पर मानव व पक्षियों की नक्काशीदार आकृतियां और ब्राह्मी लिपि के शिलालेख उकेरे हुए हैं. जो धामेक स्तूप को पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बनाते हैं.
यहां का शांत वातावरण लोगों को आध्यात्मिक अनुभव और सुकून देता है. धामेक स्तूप एक ऐतिहासिक बौद्ध स्मारक है, जहां गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपने पांच शिष्यों को पहला उपदेश दिया था.
Also Read: Vadodara Tour: बांधनी और पारंपरिक घाघरा के लिए मशहूर वडोदरा शहर है घूमने के लिए खास
अशोक स्तंभ (Ashoka Pillar)
सारनाथ में मौजूद अशोक स्तंभ की स्थापना मौर्य साम्राज्य के महान शासक अशोक ने की थी. यह स्तंभ भारत के समृद्ध इतिहास और सारनाथ के खंडहरों का हिस्सा है. बौद्ध धर्म के प्रमुख दार्शनिक स्थलों में शामिल अशोक स्तंभ मौर्य वास्तुकला की संरचनात्मक संतुलन और सुंदरता का उदाहरण है. अशोक स्तंभ बौद्ध धर्म के प्रसार के लिए जाना जाता है.
Also Read: Pangong Tso Lake: इस मनमोहक झील का रंग बदलता पानी दिखता है आकर्षक
पुरातत्व संग्रहालय (Archaeological Museum)
सारनाथ का पुरातत्व संग्रहालय दुनिया भर में मशहूर है. यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का सबसे पुराना संग्रहालय है. इस प्रसिद्ध संग्रहालय में बड़ी संख्या में मूर्तियां, कलाकृतियां, देवी तारा और बोधिसत्व व प्रतिष्ठित अशोक स्तंभ संरक्षित हैं, जिसे ‘भारत का राष्ट्रीय प्रतीक’ भी कहा जाता है. यह संग्रहालय पर्यटकों को भारत के इतिहास और बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार की झलक दिखाता है.
जरूर देखें: