Kolkata Doctor Murder : पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष के निजी सहायक और नेशनल मेडिकल कॉलेज के डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रसून भट्टाचार्य को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. घटना वाले दिन व आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वह मौजूद था. पर नेशनल मेडिकल कॉलेज के रजिस्टर में भी प्रसून चटर्जी के हस्ताक्षर हैं. ऐसे में एक व्यक्ति दोनों जगह कैसे उपस्थित रह सकता है. इसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.
कॉलेज के छात्रों ने घटना के बाद उस कमरे में लगा दिया था ताला
बता दें कि, जूनियर डॉक्टरों ने नेशनल मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ अर्घ्य मैत्रा के चेंबर में ताला लगा दिया है.अधीक्षक के कमरे में ही बैठ कर प्रसून डाटा एंट्री ऑपरेटर का कार्य करता है. घटना वाले दिन वह मौके पर मौजूद था. वहीं, नेशनल मेडिकल के रजिस्टर पर भी प्रसून चटर्जी के हस्ताक्षर हैं. तीन दिन पहले नेशनल मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने घटना के बाद उस कमरे में ताला लगा दिया था, जिसमें वह बैठे थे. नतीजतन, नेशनल मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ अर्घ्य मैत्रा दैनिक कार्य नहीं कर पा रहे हैं.
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एक साथ दो स्थानों पर उपस्थिति के मिले सबूत
सूत्रों के मुताबिक, नौ अगस्त को महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार-हत्या के दिन प्रसून को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में अन्य अधिकारियों के साथ भी देखा गया था. उसी दिन नेशनल मेडिकल कॉलेज के रजिस्टर में भी उनकी उपस्थिति के हस्ताक्षर स्पष्ट हैं. एक व्यक्ति का एक ही समय में दो स्थानों पर मौजूद रहना कैसे संभव है? लेकिन प्रसून इस बारे में चुप हैं. उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं. लेकिन आरजी कर व नेशनल मेडिकल कॉलेज (नेशनल मेडिकल कॉलेज) के मेडिकल स्टूडेंट्स इस घटना को लेकर विरोध जता रहे हैं.
प्रसून रोज कॉलेज आते थे और हस्ताक्षर करके चले जाते थे
उन्होंने शिकायत की कि प्रसून रोज सुबह नेशनल मेडिकल कॉलेज आते थे और हस्ताक्षर करके चले जाते थे. वह डॉ संदीप घोष के घर में बैठ कर उनके निर्देश पर कार्य करते थे. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसकी जांच की जायेगी. उधर, जूनियर डॉक्टरों का यह भी आरोप है कि न केवल आरजी कर या नेशनल मेडिकल, बल्कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में भी इस तरह का अनैतिक काम चल रहा है.
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संदीप घोष से सीबीआई की पूछताछ का सिलसिला नहीं थमा
आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या ही नहीं, बल्कि अस्पताल में वित्तीय अनियमितता के आरोपों के मामले में भी डॉ संदीप घोष सीबीआइ की जांच के दायरे में हैं. घोष आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल हैं, जिनसे गत 16 अगस्त से सीबीआई के अधिकारी रोजाना पूछताछ कर रहे हैं. घोष शनिवार की सुबह करीब 10 बजे सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचे, जहां उनसे दोनों ही मामलों को लेकर पूछताछ की गयी.
अबतक लगभग 150 घंटे तक हो चुकी है पूछताछ
अभी तक उनसे करीब 150 घंटे तक पूछताछ हो चुकी है.सूत्रों के अनुसार, सीबीआइ के अधिकारियों ने जब यह जानने की कोशिश की कि जूनियर महिला चिकित्सक के शव मिलने की सूचना उन्हें कब और किससे मिली. तब उन्हें सुबह करीब 10 बजे अस्पताल से एक शख्स ने मोबाइल पर फोन किया था. हालांकि, नहाने की वजह से वह उस वक्त फोन उठा नहीं पाये, लेकिन मिस्ड कॉल देखने के बाद फोन किया, तब घटना का पता चला और वह अस्पताल के लिए रवाना हो गये. यह भी बात सामने आ रही है कि घोष ने दावा किया है कि अस्पताल जाते समय उन्होंने टाला थाने के तत्कालीन प्रभारी, अस्पताल के तत्कालीन अधीक्षक और अस्पताल के कुछ लोगों को फोन किया और उनसे घटनास्थल को सुरक्षित करने के लिए कहा था, ताकि वहां किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं हो.
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