प्रतिनिधि, मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय उर्दू स्नातकोत्तर विभाग में शनिवार को पीएचडी 2023 के शोधार्थियों के लिये विदाई समारोह का आयोजन किया गया. जहां पीएचडी के रिसर्च मैथोलॉजी कोर्स वर्क संपन्न होने पर शोधार्थियों को विदाई दी गयी. समारोह की शुरुआत स्वागत भाषण से हुआ. विश्वविद्यालय पीजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ शाहिद रजा जमाल ने कहा कि शोध के लिए आलोचनात्मक वास संशय मिजाज का होना आवश्यक है. शोध और आलोचना के बीच का संबंध अविभाज्य है. शोध पर व्यक्तित्व का हस्तक्षेप नकारात्मक माना जाता है, जबकि आलोचना में आलोचक की पसंद-नापसंद भी शामिल होती है. उन्होंने शोधार्थियों की कड़ी मेहनत, समर्पण और विश्वविद्यालय में बहुमूल्य योगदान के लिए प्रशंसा की. इस अवसर पर शोधार्थियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये. उन्होंने विश्वविद्यालय के संकाय, विशेष रूप से विभाग अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने शोध पाठ्यक्रम के दौरान हर कदम पर उनका मार्गदर्शन किया. मौके पर शिक्षक डॉ जकिया तस्नीम, डॉ जैन शमसी, डॉ शाहिद अख्तर अंसारी सहित शोधार्थी रिजवान आलम खान, अब्दुल सलाम, तसनीम कौसर, शहाबुद्दीन, अबू बकर, जिम्मी, शगुफ्ता जबीन, मरियम, वाजिद अली, फरहा नाज आदि मौजूद थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है