Real Estate: बिहार में रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश करने की योजना बना रहे ग्राहकों के लिए बड़ी खबर है. बिहार रेरा (रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण) ने अपने यहां रजिस्टर्ड करीब 400 प्रोजेक्ट और उनसे जुड़े बिल्डरों को डिफॉल्टर घोषित कर दिया है. इन प्रोजेक्ट में बिना ध्यान दिए निवेश करने वाले ग्राहकों को आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. ग्राहकों की सुविधा के लिए बिहार रेरा ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर डिफॉल्टर बिल्डरों और उनके प्रोजेक्ट की सूची अपलोड कर दी है.
तय समय पर निर्माण पूरा नहीं, 273 परियोजनाएं के बिल्डर डिफॉल्टर
बिहार रेरा ने अलग-अलग कारणों से इन परियोजनाओं और उनसे जुड़े बिल्डरों को डिफॉल्टर घोषित किया है. इनमें सबसे अधिक 273 परियोजनाएं तय समय पर पूरी नहीं होने के चलते डिफॉल्टर घोषित की गयी हैं. रेरा के मुताबिक संबंधित बिल्डरों ने इन परियोजनाओं की अवधि विस्तार को लेकर नहीं तो रेरा में आवेदन किया है और न ही परियोजना पूरा होने से जुड़ा पूर्णता प्रमाण पत्र (कंपलिशन सर्टिफिकेट) या कब्जा प्रमाण पत्र (ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट) ही रेरा में जमा कराया है. रेरा ने समय-समय पर नोटिस जारी कर इन परियोजनाओं के अवधि विस्तार का मौका भी दिया है.
किस जिले में कितने प्रोजेक्ट
- पटना-188
- भागलपुर की 19
- मुजफ्फरपुर की 18
- गया की 14
- दरभंगा की आठ
- पूर्णिया की पांच
- भोजपुर की चार
- सारण की तीन
- औरंगाबाद,जहानाबाद, मधुबनी व नालंदा की दो-दो
- बक्सर, पूर्वी चंपारण, लखीसराय, नवादा, वैशाली, समस्तीपुर व सीवान जिले की एक-एक
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तीन प्रोजेक्ट रद्द
बिहार रेरा के मुताबिक तीन परियोजनाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. इनमें पटना के राज कंस्ट्रक्शन और श्री अनु आनंद कंस्ट्रक्शन प्रा लि और पश्चिम बंगाल का बिहार होम्स डेवलपर्स एंड बिल्डर्स का प्रोजेक्ट शामिल है. इनको डिफॉल्टर सूची में रखा गया है.
63 बिल्डरों ने नहीं दिया जुर्माना,
इसके साथ ही 63 बिल्डरों के खिलाफ रेरा ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की और जुर्माना लगाया. इनके द्वारा जुर्माने की राशि जमा नहीं कराये जाने पर उनको डिफॉल्टर घोषित किया गया है. 24 मामलों में रेरा द्वारा पारित आदेश का अनुपालन नहीं किये जाने पर उनके बिल्डरों को डिफॉल्टर बताया गया है.
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35 पर सर्टिफिकेट केस
35 मामलों में रेरा के आदेश पर संबंधित जिला प्रशासन के द्वारा सर्टिफिकेट केस दायर कर संबंधित बिल्डर से बकाया रकम वसूली की कार्रवाई की जा रही है. इस कार्रवाई में आदेशित जुर्माने की रकम जमा नहीं कराये जाने पर संबंधित बिल्डरों की परिसंपत्तियों को नीलाम किये जाने का भी प्रावधान है.