रानीगंज/बांकुड़ा.
अंकुर ग्रुप ने बांकुड़ा के कालिदासपुर में इथेनॉल फैक्टरी खोली है, जहां से सर्वाधिक इथेनॉल का उत्पादन होगा. ‘अंकुर डिशलरी प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कारखाने का उद्घाटन शनिवार को बांकुड़ा के कालिदासपुर में आसनसोल के सांसद शत्रुघ्न सिह्ना व बांकुड़ा के सांसद अरूप चक्रवर्ती ने मिल कर किया. मिली जानकारी के अनुसार देश में सर्वाधिक इथेनॉल का उत्पादन बांकुड़ा की इस फैक्टरी से होगा. रोजाना यहां से पांच लाख लीटर इथेनॉल उत्पादित किया जायेगा, साथ ही इस फैक्टरी से पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. बताया गया है कि यहां बेकार चावल (अनुपयोगी चावल) के जरिये इथेनॉल का उत्पादन किया जायेगा. मालूम रहे कि पश्चिम बंगाल में सालाना 56 करोड़ लीटर इथेनॉल की खपत होती है. फैक्टरी के उद्घाटन समारोह में आसनसोल के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, बांकुड़ा के सांसद अरूप चक्रवर्ती, निदेशक महेंद्र शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, विशाल शर्मा, बांकुड़ा जिला परिषद के कर्माध्यक्ष अर्चिता विद, बांकुड़ा नगर निगम की चेयरपर्सन अलका सेन मजूमदार, जिला परिषद के सदस्य राजकुमार सिंह के अलावा कई विशिष्टजन उपस्थित थे.उक्त अवसर पर बिहारी बाबू ने कहा कि बांकुड़ा में उद्यमी महेंद्र शर्मा के उद्यम से यह कारखाना बन कर तैयार हुआ है. इस कारखाने के उद्घाटन से 5000 लोगों को रोजगार मिलेगा, जो महत्वपूर्ण पहलू है. उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बांकुड़ा के सांसद अरूप चक्रवर्ती सहित स्थानीय नेतृत्व को धन्यवाद देते हुए कहा कि इसी तरह से बांकुड़ा को भविष्य में भी आगे बढ़ते रहना है ताकि बंगाल के मानचित्र में यह अपनी एक अलग पहचान बना सके.
दूसरी तरफ बांकुड़ा के सांसद अरुप चक्रवर्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में बंगाल का लगातार विकास हो रहा है और बांकुडा जैसे एक पिछड़े जिले में ईतनी बड़ी फैक्टरी के लगने से यहां पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे. टीएमसी हमेशा ममता बनर्जी के नेतृत्व में प्रदेश का विकास करती रही है और आज का उद्घाटन उसी का एक सबूत है.उन्होंने कहा कि आज के इस उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी उपस्थित रहने की बात थी लेकिन अपने व्यस्त प्रशासनिक कार्यों की वजह से वह यहां पर नहीं रह पाई ,लेकिन दुर्गा पूजा से पहले वह कारखाने में जरूर आएंगी. महेंद्र शर्मा ने कहा कि वह इस कारखाने के उद्घाटन के लिए यहां के सांसद ,पुलिस प्रशासन के साथ-साथ सर्वप्रथम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को धन्यवाद देना चाहते हैं जिनके प्रयासों की वजह से यह कारखाना आज से शुरू हो सका. उन्होंने कहा कि यह रविंद्र, नजरुल की धरती है और यहां पर कला को भी के साथ-साथ औद्योगिकरण प्रमुखता के साथ करने की आवश्यकता है और आज इस आकारखाने के उद्घाटन से इस दिशा में एक सार्थक पहल हुई.इस अवसर पर जंगल महल के आदिवासी टीम द्वारा पारम्परिक आदिवासी नृत्य प्रस्तुत की गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है