गढ़वा जिले के रमकंडा प्रखंड के गोबरदाहा व बलिगढ़ गांव के अधीन वन क्षेत्रों की नदियों से इन दिनों ट्रैक्टरों से बालू का अवैध उत्खनन हो रहा है. इससे आक्रोशित वन समिति के साथ मिलकर ग्रामीणों ने शनिवार को जंगलों में छापेमारी की और अवैध बालू ढोने गये ट्रैक्टरों को पकड़ लिया. वन समिति क सदस्यों ने ने इन ट्रैक्टरों को बगैर बालू उठाव किये वापस लौटा दिया. इसके साथ ही वन समिति ने बालू ढोने वाले ट्रैक्टरों को चेतावनी दी है कि उनके वन क्षेत्र की नदियों से बालू का अवैध उत्खनन करने में दोबारा पकड़े जाने पर वन विभाग के अधिकारियों को जानकारी देकर ट्रैक्टरों को पकड़ा जायेगा. वहीं वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी. मिली जानकारी के अनुसार रमकंडा-गोबरदाहा रोड में बघमरिया नदी व बलिगढ़ की पपरा नदी से इसी सप्ताह दर्जनों ट्रैक्टरों द्वारा बघमरिया नदी के कानिदह घाट, पिपराही घाट व भितयाहि घाट सहित बलिगढ़ की पपरा नदी व तेतरडीह गांव की नदियों से अवैध बालू का उत्खनन किया जा रहा था. रात-दिन अवैध बालू की ढुलाई हो रही थी. अब वन समिति ने पहल कर इसपर रोक लगा दी है. इधर ग्रामीणों की ओर से जंगलों में ट्रैक्टरों को पकड़कर वापस लौटाने की खबर मिलते ही अवैध बालू ढो रहे ट्रैक्टरों के मालिक ग्रामीणों के पास पहुंच गये. उन्होंने इस नदी क्षेत्र से बालू उठाव नहीं करने की बात कही.
बालू माफियाओं की वजह से बढ़ गयी बालू की कीमत : समिति
पपरा नदी में भी ग्रामीणों ने रोका था ट्रैक्टर
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दिनों बलिगढ़ के पपरा नदी से रमकंडा प्रखंड मुख्यालय के ट्रैक्टरों द्वारा बालू ढुलाई करने के मामले में ग्रामीणों ने कार्रवाई की थी. इन ट्रैक्टरों को रोककर चेतावनी दी गयी. कहा गया कि ग्रामीणों की चेतावनी के बाद पपरा नदी से बालू का उठाव बंद हो गया है. लेकिन बालू माफिया गोबरदाहा जंगल की नदियों से बालू का फिर से उठाव करने लगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है