गया. नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है. अब एक नया प्रॉब्लम सामने आ रहा है. इसके लिए बच्चे व परिजन हर दिन निगम का चक्कर लगा रहे हैं. 2017 से अब तक बिना बार कोड के बने जन्म प्रमाणपत्र को किसी जगह अप्लाइ करने पर बार कोड वाला प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है. निगम में छात्र या उनके परिजन बार कोड वाले प्रमाणपत्र मांगने आ रहे है, तो उन्हें जवाब मिल रहा है कि उस वक्त 2017 से अब तक का पोर्टल ले ही नहीं रहा है. इसलिए बार कोड का प्रमाणपत्र नहीं मिल सकेगा. अब लोगों के सामने दिक्कत आ रही है कि स्कूल, कॉलेज, पासपोर्ट आदि में अप्लाइ बिना बार कोड वाले जन्म प्रमाणपत्र से नहीं हो पा रहा है. रामपुर के रहनेवाले विजय प्रसाद ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे का जन्म प्रमाणपत्र 2017 में बनवाया था. अब हर जगह बार कोड वाला प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है. इसके लिए निगम से संपर्क करने पर कहा जा रहा है कि यहां इस वर्ष का पोर्टल ही नहीं ले रहा है. इस कारण बार कोड वाला प्रमाणपत्र देना संभव नहीं है. पहले बने प्रमाणपत्र को निगम में सही माना जा रहा है. उनका बेटा अब स्कूल या फिर बाहर जाने के लिए पासपोर्ट बनवाने के लिए यह प्रमाणपत्र जमा नहीं कर सकता है. वार्ड 32 के पार्षद गजेंद्र सिंह ने कहा कि हर दिन उनके पास कई लोग बार कोड की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं. नये पोर्टल में किसी तरह का समाधान नहीं निकल पा रहा है. अत्याधुनिक तकनीक से लोगों को कुछ जगहों पर सुविधा हो रही है, तो ज्यादातर जगहों पर परेशानी ही मिल रही है. उन्होंने कहा कि 2017 के बाद बिना बार कोड वाले प्रमाणपत्र में बदलाव नहीं होने के चलते बच्चों का भविष्य बिगड़ रहा है.
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