दो बच्चे एक साथ गये थे स्नान करने, एक को ग्रामीणों ने निकाला अमरपुर थाना क्षेत्र के बल्लिकित्ता पंचायत अंतर्गत चौरवैय गांव के समीप स्थित जल्ला पोखर में 13 वर्षीय एक किशोर डूब गया. जिसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया है. पोखर में डूबने की सूचना मिलने पर चौरवैय, वैदाडीह, बल्लिकित्ता, शोभानपुर, बलुआ समेत कई गांव के सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ पोखर किनारे उमड़ गयी. जानकारी के अनुसार जल्ला पोखर में बलुआ गांव निवासी बिरेंद्र पत्तर का 13 वर्षीय पुत्र नहाने के दौरान डूब गया, लेकिन डूबे हुए किशोर का कोई अता-पता स्थानीय गोताखोरों को नहीं मिला. उधर मामले की जानकारी मिलने के बाद लापता किशोर की मां फुलकुमारी देवी आनन-फानन में जल्ला पोखर पहुंची जहां पोखर किनारे रखे किशोर के कपड़े तथा चप्पल की पहचान कर अपने पुत्र दिलखुश कुमार होने की पुष्टि करते हुए दहाड़ मारकर रोने लगी. स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शनिवार को करीब 12 बजे पोखर में दो बच्चे टायर लेकर स्नान कर रहे थे. जिसमें दोनों बच्चे पानी की गहराई में डूबने लगे. इसी दौरान पोखर की ओर से जा रहे चौरवैय गांव के बैजनाथ शर्मा के पुत्र सौरभ कुमार ने दौड़कर डूब रहे एक बच्चे को बचा लिया. जो बलुआ गांव निवासी संजय मंडल का पुत्र है. ग्रामीण क्षेत्र के दर्जनों युवा तैराकों ने पानी में उतरकर डूबे हुए बच्चे को निकालने का प्रयास किया, लेकिन पानी की गहराई के आगे कोई सफलता नहीं मिली. सूचना मिलने पर दारोगा राजीव रंजन पुलिस बलों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और मामले से सीओ तथा बीडीओ को अवगत कराया. मौके अंचल कर्मचारी ने फुल्लीडुमर कोझी डैम पर तैनात गोताखोरो को घटना स्थल पर बुलवाकर पोखर से डूबे हुए बच्चे को निकलवाने का प्रयास किया, लेकिन असफल हो गये. घटना स्थल पर मौजूद लापता बच्चे की मां फुलकुमारी देवी ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व दिल्ली से वह अपने बच्चों के साथ गांव आयी थी, जबकि पति दिल्ली में रहकर टैक्सी चलाता है. उसे दो पुत्र एवं एक पुत्री है दिलखुश सबसे बड़ा था, तथा दूसरा पुत्र आशु कुमार 6 वर्ष एवं पुत्री मोनिका कुमारी 10 वर्ष है. दिलखुश शाहपुर स्कूल में 8वीं कक्षा का छात्र था. शनिवार को उनका पुत्र 12 बजे घर से निकल गया. चौरवैय गांव के जल्ला पोखर में बच्चे के डूबने की सूचना पर वह अपने पुत्र का खोजबीन करने पोखर पर आयी तो पोखर किनारे घाट पर उसके पुत्र का कपड़ा तथा चप्पल पड़ा हुआ मिला, लेकिन पुत्र का कहीं पता नहीं चल पाया. घटना के करीब चार घंटे बाद सीओ रजनी कुमारी, बीडीओ प्रतीक राज अंचल कर्मियों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और स्थिति का मुआयना किया. अधिकारियों की लेटलतीफी देख घटना स्थल पर मौजूद ग्रामीण आक्रोशित हो गये. सीओ ने मौजूद ग्रामीणों को अविलंब घटना स्थल पर एनडीआरएफ की टीम को बुलवाकर पोखर में डूबे बच्चे को निकालने का आश्वासन दिया. समाचार प्रेषित करने तक ग्रामीण पोखर किनारे डटे रहे, लेकिन एनडीआरएफ की टीम नहीं पहुंची थी. बताया जा रहा है कि एनडीआरएफ की टीम रविवार की सुबह घटनास्थल पर पहुंचेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है