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मध्यस्थता के माध्यम से बढ़ते मुकदमाें में लायी जा सकता है कमी: फैमिली जज

दिन प्रतिदिन बढ़ रही मुकदमों की संख्या

फोटो:-6-बैठक में फैमिली जज व अन्य. प्रतिनिधि, अररिया शनिवार को सुपरवाइजरी सह मेडिएशन कमेटी की बैठक फैमिली जज के प्रकोष्ठ में आयोजित की गयी. बैठक की अध्यक्षता फैमिली जज उज्ज्वल कुमार सिन्हा ने की. बैठक में फैमिली जज श्री सिन्हा ने कहा कि न्यायालयों में जितनी तेजी से मुकदमा हो रहे हैं. उतनी तेजी से उनका निस्तारण नहीं हो पा रहा है. इससे न्यायालयों में मुकदमाें की बढ़ोतरी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. मुकदमे के इस बोझ को कम करने में मध्यस्थता काफी हद तक सहयोगी सिद्ध हुआ है. बताया गया कि प्रि-लिटिगेशन का मामला सर्वप्रथम फ्रंट ऑफिस में ही आता है. वहां पर प्रतिनियुक्त पैनल अधिवक्ता व पीएलवी का यह कर्तव्य हो जाता है कि उन सभी मामलों को मेडिएशन सेंटर में निश्चित रूप से भेंजे. ताकि मुकदमा होने से पूर्व समझौता के आलोक में प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ता प्रि-लिटिगेशन मामलों का निपटारा करवा सके. उन्होंने कहा कि किसी भी मामलो को मध्यस्थता में सुलझाने के लिए फ्रंट ऑफिस का रोल बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना गया है. फैमिली जज श्री सिन्हा ने उपस्थित लोगों से कहा कि अदालतों में बढ़ते मुकदमाओं को कम करने के लिये मेडिएशन की सफलतम करवाई कारगर साबित हो रहा है. फैमिली जज उज्ज्वल कुमार सिन्हा ने कहा कि मेडिएशन सेंटर के साथ साथ जिला बार एसोसिएशन व अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, पीपी, जीपी तक की भूमिका भी बढ़ते मुकदमाओं को रोकने में सहयोगी हो सकते हैं. वे अपने-अपने स्तर से भी बढ़ते मुकदमों पर अंकुश कैसे लगे, इसके लिए शिविर आयोजित कर व गोष्ठी वगैरह कर लोगों को मिलजुलकर रहने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. वहीं फैमिली जज उज्ज्वल कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रि-लिटिगेशन व लिटिगेशन मामलो मे बढ़चढ़ कर हमारे प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ताओं को दिलचस्पी के साथ समझौता कराने में अपना सफल योगदान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि लिटिगेशन मामलों में जितनी तेजी के साथ हमारे मेडिएशन सेंटर से जुड़े हमारे सातों प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ता मामलों में सुलह समझौता करा मामलों का निस्तारण करने में जुटे हुए हैं. वहीं प्रि-लिटिगेशन मामलों में भी पूर्व की तरह विशेष ध्यान देकर सक्रियता के साथ मामलों का निस्तारण करने में जुटे रहना होगा. बैठक में मध्यस्थता के लिए लंबित एवं निष्पादित मामलों पर भी चर्चा की गई. लंबित मामलों के शीध्र निष्पादन के लिए प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ताओं को निर्देर्शित किया गया. वहीं कमेटी के सदस्य एडीजे-04 रवि कुमार ने कहा कि मध्यस्थता के बारे में लोगों में अभी जागरूकता की कमी से इनकार नहीं किया जा सकता है. एडीजे-04 रवि कुमार ने कहा कि जागरूकता अभियान चलाने के साथ इसके व्यापक प्रचार-प्रसार की भी आवश्यकता है. इसके लिए सर्वसम्मति से विधिक जागरूकता शिविर आयोजित करने पर भी सहमति बनी. अवर न्यायाधीश सह डीएलएसए सेक्रेटरी रोहित श्रीवास्तव ने भी बताया कि प्रि- लिटिगेशन के तहत पक्षकार औपचारिक मुकदमा दायर किये बिना समाधान निकालने का प्रयास कर सकते हैं. इसके लिए मिल बैठकर चर्चा कर विवादों को सुलझाया जा सकता है. सुपरवाइजरी सह मेडिएशन कमेटी की बैठक में फैमिली जज उज्ज्वल कुमार सिन्हा के अलावा कमेटी के सदस्य एडीजे-04 रवि कुमार, अवर न्यायाधीश सह डीएलएसए सेक्रेटरी रोहित श्रीवास्तव, प्रभारी लोक अभियोजक (पीपी) लक्ष्मी नारायण यादव, जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष सह वरीय अधिवक्ता विनोद प्रसाद, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार पांडेय, मेडिएशन सेंटर के प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ता क्रमशः कुमारी वीणा व नीरज प्रसाद सहित अन्य मौजूद थे.

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