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हाथियों को भगा रहे ग्रामीणों में से एक को हाथी ने पटककर मार डाला

हाथियों को भगा रहे ग्रामीणों में से एक को हाथी ने पटककर मार डाला

रमकंडा के बलिगढ़ गांव में हाथियों के झुंड ने एक युवक को पटककर मार डाला. बताया गया कि शनिवार की रात हार्थियों ने गोबरदाहा गांव के मिशन स्कूल (इपिल मध्य विद्यालय) व प्रभु कोरवा का घर क्षतिग्रस्त कर दिया था. इसके बाद करीब 30-35 की संख्या में हाथी बलिगढ़ पहुंचे थे. यहां ग्रामीण हाथियों को भगाने का प्रयास कर रहे थे. इसी दौरान गांव के 35 वर्षीय नागेश्वर सिंह को हाथियों ने पहले सूंढ में लपेट लिया फिर पटक-पटक कर मार डाला. इससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. इस दौरान समीप खड़े मृतक के भाई इंद्रजीत सिंह ने भागकर अपनी जान बचायी. रात भर डरे सहमे ग्रामीणों ने जंगल किनारे से किसी तरह मृतक का शव घर लाया. इसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया. शव देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ लग गयी. वहीं लोग वन विभाग के प्रति आक्रोशित हो गये. सूचना पाकर वनों के क्षेत्र पदाधिकारी रामरतन पांडेय व मुखिया विनोद प्रसाद गांव पहुंचे और मृतक के परिजन को नकद 10 हजार रुपये दाह संस्कार के लिए दिया. रेंजर ने बताया कि कानूनी प्रक्रिया के बाद दो सप्ताह के अंदर मृतक के परिजन को चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा. इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अंत्यपरीक्षण के लिए गढ़वा सदर अस्पताल भेज दिया. ग्रामीण रोशन कुजुर, बिगन उरांव, कृष्णा पांडेय, अनिल साव, दुर्गा सिंह, धनी सिंह, दिनेश ठाकुर, पारसनाथ यादव, रामनाथ गौंड, महाराज सिंह, संत यादव, अमित यादव व जगमोहन लोहरा सहित अन्य ने बताया कि वन विभाग की लापरवाही का ही यह परिणाम है कि हाथियों का झुंड प्रतिदिन उनके गांव पहुंच रहा है. वहीं वन विभाग भी लापरवाह बना हुआ है.

भागकर बचायी जान : घटना स्थल पर खड़े मृतक के भाई इंद्रजीत सिंह ने बताया कि गोबरदाहा की ओर से हाथियों का झुंड करीब 10 बजे रात में उनके गांव बलिगढ़ के उतरवरा टोला पहुंच गया. मकई की फसलों को रौंदने और हाथियों के चिंघाड़ने की आवाज सुनते ही करीब सैकड़ों ग्रामीण टीन व थाली बजाकर तथा मशाल (लुकवारी) जलाकर हाथियों को भगाने का प्रयास करने लगे. ग्रामीणों का शोरगुल सुन व मशाल देखकर हाथियों का झुंड खेतों से निकलकर तेजी से जंगल की ओर भागने लगा. थोड़ी देर बाद हाथी जंगल किनारे जाकर इधर-उधर बिखरने लगे. जंगल किनारे हाथियों के झुंड के बिखरता देख ग्रामीण वापस लौटने लगे. इसी बीच झुंड से अलग हुए कुछ हाथी पीछे मुड़कर ग्रामीणों की ओर लपके. इसी दौरान नागेश्वर सिंह को सूंढ में लपेटकर एक हाथी पटकने लगा. उन्होंने बताया कि यह देख ग्रामीणों की हिम्मत टूट गयी. इधर मशाल भी जलकर बुझ चुका था. ऐसे में उसके आंखों के सामने ही उसके भाई की मौत हो गयी. इसके बाद उसने भी भागकर अपनी जान बचायी.

एक दिन पहले घरों को तोड़ा था : उल्लेखनीय है कि दक्षिणी वन क्षेत्र वाले रंका व चिनिया में 15 दिनों से उत्पात मचा रहा हाथियों का यह झुंड एक दिन पहले बलिगढ़ व गोबरदाहा गांव में पांच घरों को क्षतिग्रस्त कर चुका है. हाथी घरों को तोड़ कर वहां रखा अनाज खा गये. वहीं इन दोनों गांवों में 40 एकड़ में लगी धान व मकई की फसल बर्बाद कर दी है.

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