प्रतिनिधि, तोरपा : शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है. इससे किसी भी समस्या से लड़ा जा सकता है. आदिवासी बच्चे पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान दें. हमारे पूर्वजों ने जो हमें दिया है, उसे संरक्षित रखने की जरूरत है. उक्त बातें संत जोसेफ हाई स्कूल मैदान तोरपा में आदिवासी मिलन समारोह में रविवार को बतौर मुख्य अतिथि सिसई विधायक जिगा मुंडा ने कही. मिलन समारोह का आयोजन ऑल चर्चेस कमेटी, सरना संगोम समिति व पड़हा समिति ने संयुक्त रूप से आयोजित किया. समारोह में आदिवासी एकजुटता के साथ अपनी भाषा, संस्कृति, परंपरा को बनाये रखने का संकल्प लिया गया. साथ ही विभिन्न संस्थाओं ने आदिवासी संस्कृति पर आधारित गीत व नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया. समाज बचाने के लिए युवा आगे आयें: सांसद कालीचरण मुंडा समारोह में सांसद कालीचरण मुंडा ने कहा कि आदिवासी समाज, भाषा व संस्कृति को बचाने के लिए युवाओं को आगे आना होगा. समाज को आगे ले जाने की जिम्मेवारी युवाओं के कंधे पर है. उन्होंने युवाओं को नशापान से दूर रहने को कहा. भारत के प्रथम नागरिक हैं आदिवासी : गलेडसन डुंगडुंग समारोह के मुख्य वक्ता अतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता व समाजसेवी गलेडसन डुंगडुंग ने कहा कि आदिवासी भारत के प्रथम नागरिक हैं. यह वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित हो चुका है. भारत में आदिवासियों को खत्म करने का अभियान वर्षों से चल रहा है. भारत के संविधान से आदिवासी शब्द हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि एक आदिवासी को राष्ट्रपति बनाया गया, परंतु उन्होंने नौ अगस्त को आदिवासियों को शुभकामनाएं देना तक उचित नहीं समझा. पांचवीं अनुसूची में निहित प्रावधानों का भी पालन नहीं किया जा रहा है. भाषा व संस्कृति को बचाकर रखें : बिशप समारोह में खूंटी के बिशप विनय कंडुलना ने कहा कि हमें अपनी भाषा व संस्कृति को बचाकर रखने की जरूरत है. आदिवासियों की विशेषता है कि वे लंबे समय तक जल, जंगल, जमीन व पर्यावरण को बचाकर रखा है. सभा को विधायक विक्सल कोनगाड़ी, सरना सांगोम समिति दुर्गावती ओड़ेया, हाबिल हेमरोम आदि ने भी संबोधित किया. समारोह में मौजूद लोग : समारोह में महिला विकास केंद्र की निदेशक सिस्टर मरयालेना, जिप अध्यक्ष मसीह गुडिया, जिप सदस्य सुशांति कोनगाड़ी, झामुमो के सुदीप गुडिया, इम्मानुएल तोपनो, समुएल आइंद, फूलजेंस तोपनो, फादर अविंद सिस्टर अलमा, फादर तेज कुमार लिंडा, फादर रवि पॉल एक्का, मुखिया विनिता नाग, पुष्पा गड़िया, शिशिर तोपनो, रोशनी गुड़िया, गुंजन तोपनो आदि उपस्थित थे. संचालन रजनी बागे व शालिनी डुंगडुंग ने किया. स्वागत भाषण फादर बिशु बेंजमीन व धन्यवाद ज्ञापन फादर हीरालाल हुनि पूर्ति ने किया.
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