Madhubani News : केरल में 18 अगस्त 2024 में मंकी पॉक्स के एक मरीज चिन्हित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है. इस संबंध में राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी आइडीएसपी डाॅ रणजीत कुमार ने मंकी पॉक्स से बचाव एवं जागरूकता के लिए हेल्थ एडवाइजरी जारी कर सिविल सर्जन, एसीएमओ एवं जिला सर्वेक्षण इकाई आइडीएसपी को आवश्यक निर्देश दिया है.
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग मंकी पॉक्स को लेकर फैली भ्रांतियां व अफवाहों पर लोगों को ध्यान नहीं देने की अपील की है. राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी द्वारा जारी हेल्थ एडवाइजरी में पटना और गया हवाई अड्डे पर आनेवाले यात्रियों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया है.
एयरपोर्ट पर संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग करने के लिए एहतियातन कदम उठाने का निर्देश दिया है. वर्तमान में राज्य में मंकी पॉक्स का कोई मरीज नहीं पाया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को मंकी पॉक्स के संबंध में जागरूक करने का निर्णय लिया है.
इसका उद्देश्य व इस बीमारी से ग्रसित मरीज पाए जाने पर लक्षणों की तुरंत पहचान कर चिकित्सकों से संपर्क कर अपना इलाज शुरू करा सकें. मंकी पॉक्स एक वायरस जूनोटिक बीमारी है. जो संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से मनुष्यों में फैसला है.
इस बीमारी का लक्षण रैश, बुखार एवं लसिका ग्रंथि में सुजन होना है. जानकारों की माने तो यह मुख्य रूप से केंद्रीय एवं पश्चिमी अफ्रीका में रिपोर्ट किया गया है. 18 अगस्त 2024 तक मंकी बॉक्स के मामले कई अफ्रीकी देश रवांडा, युगांडा, नाइजीरिया पाकिस्तान सहित कई देशों में देखने को मिला है. इस वर्ष भारत में एक मरीज केरल में रिपोर्ट किया गया था. जिसकी ट्रैवल हिस्ट्री इंटरनेशनल थी.
Madhubani News : कैसे फैलता है मंकी पॉक्स ?
सीडीसी की मानें तो मंकी पॉक्स से पीड़ित जानवर या व्यक्ति के शरीर से निकले संक्रमित फ्लूइड के संपर्क में आने, संक्रमित जानवर के काटने, छूने से फैलता है. खासकर, चूहों, गिलहरियों और बंदरों द्वारा यह अधिक फैलता है.
वहीं, मंकी पॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के आसपास रखी चीजों को छूने से भी मंकी पॉक्स का खतरा रहता है. इसके अलावे, ऐसे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से भी मंकी पॉक्स होता है जो पहले से इस बीमारी से पीड़ित है.
Madhubani News : लक्षणों की पहचान के साथ जानकारी भी जरूरी
सिविल सर्जन डॉ नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि, फिलहाल राज्य सहित जिले में मंकी पॉक्स का एक भी मामला सामने नहीं आया है. इसलिए चिंता की बात नहीं है. हालांकि हमें अपनी ओर से एहतियात बरतना होगा. साथ ही लोगों को इसके लक्षणों की पहचान और जानकारी भी जरूरी है.
ताकि, समुदाय में इसकी जानकारी पहुंचाया जा सके. इससे समय रहते इसके मरीजों का इलाज किया जा सके. हालांकि लोगों को इस बीमारी को लेकर फैली भ्रांतियां और अफवाहों पर भरोसा नहीं करनी चाहिए. यह एक प्रकार का संक्रमण है, इसका इलाज पूरी तरह से संभव है.
Madhubani News : मरीज को ठीक होने में लग सकता है 14 से 21 दिन
मंकी पॉक्स एक संक्रामक रोग है. जो चिकन पॉक्स के समान ही होता है. यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से होता है. संक्रमण के छह से 13 दिनों के बीच में इस रोग के लक्षण दिखने लगता है. संक्रमित होने के बाद मरीज को बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में जकड़न, अत्यधिक कमजोरी होती है. बुखार के साथ त्वचा पर रैशेज, फोड़े आदि होने लगता है.
इसकी शुरुआत चेहरे से होती है, जिसके बाद यह शरीर के अन्य हिस्सों की त्वचा पर फैल जाता है. रैशेज होने पर इसमें खुजली हो सकता है,और अंत में यह फफोला बनने के बाद सूख कर पपड़ी जैसा हो जाता है. इस बीमारी में मरीज को ठीक होने में लगभग 14 से 21 दिन लग सकता है. साथ ही, कोरोना की तरह इस बीमारी में भी संक्रमण को दूर रखने के लिए सतर्कता और सावधानी का पालन करना पड़ेगा.
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Madhubani News : मंकी पॉक्स से बचाव :
इसके लिए सबसे पहले सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करें. अगर मंकी पॉक्स से पीड़ित हैं, तो चेचक का टीका यानी वैक्सीन जरूर लगवाएं. संक्रमण से बचाव के लिए संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं. मंकी पॉक्स के लक्षण दिखने पर घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद हाथों को साबुन और साफ पानी से धोएं. इसके अलावा, सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें. अपने साथ सैनिटाइजर जरूर रखें. घर से बाहर निकलते समय मास्क जरूर पहनें.
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