बहादुरपुर. जिले के विभिन्न प्रखंडों में छिटपुट बारिश से आमलोगों को थोड़ी सी राहत मिली है. बारिश से किसानों के चेहरे पर रौनक वापस आने लगी है. आसमान में बादल के घुमड़ते देख किसानों को बारिश होने की थोड़ी सी आस जगने लगी है. हालांकि इस बारिश से किसानों को जो फायदा मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल सकी है. अधिकांश प्रखंडों में पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं होने के कारण खेतों में दरारें फटी ही है. किसान धान की फसल को बचाने के लिए लगातार पंपसेट व इलेक्ट्रॉनिक पंपसेट से पटवन करने में जुटे हैं. बारिश नहीं होने के कारण खेतों में लगी धान की फसल में व्यापक रूप से खर-पतवार उग आए हैं. इसे हटाने में किसानों को एड़ी-चोटी एक करना पड़ रहा है. मजदूरों का सहारा लेना पड़ रहा है. मजदूरों की कमी से किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर किसानों को पटवन व निकौनी में अत्यधिक खर्च का बढ़ गया है. साथ ही ससमय पर निकौनी नहीं हो पा रहा है. किसानों की मानें तो इस बार धान की खेती में कोई मुनाफा नहीं होने वाला है.
खरीफ के तहत विभिन्न फसलों के आच्छादन का लक्ष्य
जिले में वित्तीय वर्ष 2024 में खरीफ के तहत विभिन्न फसलों का 97 प्रतिशत आच्छादन हुआ है. इसके तहत एक लाख आठ हजार 580.4 हेक्टेयर के विरुद्ध एक लाख छह हजार 427 हेक्टेयर में आच्छादन हुआ है. इसमें धान का आच्छादन लक्ष्य एक लाख 709.40 हेक्टेयर के विरुद्ध 98 हजार 616 हेक्टेयर, मक्का का 1144.03 हेक्टेयर लक्ष्य के विरुद्ध 1324 हेक्टेयर, मरुआ का 1876.03 हेक्टेयर के विरुद्ध 1816 हेक्टेयर व दलहन का 1581.91 हेक्टेयर लक्ष्य का विरुद्ध 1581 हेक्टेयर में आच्छादन हुआ है. डीएओ सह परियोजना निदेशक आत्मा विपिन बिहारी सिन्हा ने बताया किजिले में इस वर्ष बहुत कम बारिश हुई है, बावजूद खरीफ के तहत विभिन्न फसलों का 97 प्रतिशत आच्छादन हो चुका है. इसमें धान 97 प्रतिशत आच्छादन हुआ है. इसी प्रकार मक्का 124 प्रतिशत व मरुआ शत-प्रतिशत आच्छादन हुआ है. सूखे की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार व कृषि विभाग द्वारा किसानों को डीजल अनुदान दिया जा रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है