Places to visit on Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म के लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. इस दिन विघ्नहर्ता गणेश का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. देश के अलग-अलग हिस्सों में 10 दिनों तक गणेशोत्सव का पावन त्योहार हर्षोल्लास और श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है.
इस 10 दिवसीय महोत्सव का आयोजन गणेश मंदिरों में विशेष रूप से किया जाता है. इस दौरान गणेशोत्सव की भव्यता और उत्साह बेहद आकर्षक होती है. अगर आप भी गणेश उत्सव पर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो ये मंदिर आपके लिए बेहद खास रहेंगे:
सिद्धिविनायक मंदिर
मुंबई के प्रभादेवी इलाके में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple) का गणेश उत्सव बेहद भव्य और आकर्षक होता है. मराठा शासक छत्रपति महाराज ने महाराष्ट्र में गणेशोत्सव के त्योहार को बढ़ावा दिया था. साल 1801 में विट्ठु और देउबाई पाटिल ने प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण करवाया था. इस मंदिर में स्थापित भगवान गणेश का सिद्धि विनायक रूप बेहद खास है. विघ्नहर्ता के इस रूप में भगवान की सूड़ दाईं ओर मुड़ी होती है. कहा जाता है ऐसी प्रतिमाएं सिद्ध पीठ होती है, जो भक्तों की मनोकामना तुरंत पूरी कर देती है.
भगवान गणेश को समर्पित लोकप्रिय सिद्धिविनायक मंदिर में बप्पा के दर्शन-पूजन करने फिल्मी जगत के सितारे और उद्योगपति भी आते हैं. गणपति बप्पा के सिद्धिविनायक रूप की महिमा अद्वितीय है. गणेश उत्सव पर बड़ी संख्या में भक्त बप्पा के दर्शन करने सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचते हैं. इस दौरान मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है. सिद्धिविनायक अपने भक्तों के सारे विघ्न हर लेते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर
मुंबई की तरह महाराष्ट्र के पुणे में भी भगवान गणेश के जन्मोत्सव का नजारा बेहद खास होता है. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विघ्नहर्ता गणेश का जन्मोत्सव भव्य रूप से मनाया जाता है. पुणे के प्राचीन दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर (Shreemant Dagdusheth Halwai Ganpati Temple) में 10 दिवसीय गणेश उत्सव का आयोजन बेहद शानदार होता है.
इस मंदिर में बप्पा के दर्शन करने मशहूर हस्तियों से लेकर राजनीतिक क्षेत्र तक के लोग आते हैं. बेहद खूबसूरत और रमणीय दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर का इतिहास 100 सालों से भी ज्यादा पुराना और समृद्ध है. इस मंदिर का निर्माण व वास्तुकला इतना सरल और आकर्षक है कि मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति और मंदिर परिसर में होने वाली सभी गतिविधियां बाहर से ही देखी जा सकती हैं.
इस मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा बेहद भव्य और वैभवशाली होती है, जिसे लगभग 40 किलो सोने से सजाया जाता है. हर साल गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर में उत्सव का आयोजन होता है. इस मंदिर की लाइटिंग से लेकर सांस्कृतिक गतिविधियां तक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है. दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर में होने वाला गणेशोत्सव अपनी रचनात्मकता, भव्यता और उत्साह के लिए प्रसिद्ध है.
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