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मेहंदी लगा कर स्कूल आनेवाली अन्य छात्राओं की भी की गयी थी पिटाई

संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाइस्कूल की शिक्षक प्रभारी (टीआइसी) मोनिका सरदार ने मेहंदी लगाकर स्कूल में आनेवाली सभी छात्राओं की पिटाई की थी. स्कूल के शिक्षकों ने जांच कमेटी के सामने अपने बयान में इस बात का खुलासा किया. टीआइसी ने भी स्वीकार किया कि उसने छात्रा की पिटाई की थी.

आसनसोल.

संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाइस्कूल की शिक्षक प्रभारी (टीआइसी) मोनिका सरदार ने मेहंदी लगाकर स्कूल में आनेवाली सभी छात्राओं की पिटाई की थी. स्कूल के शिक्षकों ने जांच कमेटी के सामने अपने बयान में इस बात का खुलासा किया. टीआइसी ने भी स्वीकार किया कि उसने छात्रा की पिटाई की थी. कक्षा नौ की एक छात्रा की शिकायत के आधार पर यह जांच शुरू हुई. कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट जिला स्कूल निरीक्षक (डीआइ) को सौंप दी और डीआइ ने यह रिपोर्ट पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के अध्यक्ष को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दी है.

इस बीच छात्रा को अपनी शिकायत वापस लेने के लिए विभिन्न माध्यमों से दबाव बनाया जा रहा है और उसे डराया भी जा रहा है. छात्रा के परिजन काफी डरे हुए हैं. अधिकांश मामलों में ऐसी परिस्थिति में सभी लोग समझौता कर लेते हैं, लेकिन इस परिवार ने अपनी आवाज को और ज्यादा मजबूत करते हुए सोमवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) में अपनी शिकायत दर्ज करायी.

त्योहारों पर राखी बांधने, मेहंदी व तिलक लगाने पर नहीं दिया जा सकता दंड

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अधीन एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने आठ अगस्त को सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिवों को पत्र जारी कर निर्देश दिया था कि आगामी त्योहारी मौसम में राखी व कलावा पहनकर, तिलक या मेहंदी लगाकर स्कूल आनेवाले विद्यार्थियों को उत्पीड़न का शिकार न होना पड़े, यह सुनिश्चित करना होगा. स्कूलों में बाल संरक्षण कानून को कड़ाई से पालन करने को कहा. स्कूलों की ओर से बच्चों को सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों में भागीदारी पर प्रतिबंध लगाने की प्रवृति को चिंताजनक बताया. श्री कानूनगो ने कहा कि रक्षाबंधन जैसे त्योहारों पर राखी बांधने, तिलक या मेहंदी लगाने जैसी धार्मिक प्रथाओं को लेकर अनेकों विद्यार्थियों को शारीरिक और मानसिक रूप से उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है. यह आरटीआइ अधिनियम की धारा 17 का सीधा उल्लंघन है. संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाइस्कूल में मेहंदी लगाने के कारण छात्रा की हुई पिटाई पर एनसीपीसीआर में शिकायत की गयी है. क्या कार्रवाई होती है? इसका पीड़िता के घरवालों को इतंजार है.

स्कूल के टीआइसी से पिटाई के बाद अधिकांश छात्राएं हैं डरी हुई

पीड़िता ने पहले ही बताया था कि टीआइसी छात्राओं की पिटाई करती हैं. डीआइ ऑफ स्कूल की जांच रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हो गया कि टीआइसी ने सिर्फ एक छात्रा को ही नहीं, रक्षाबंधन के दौरान मेहंदी लगनेवाली सभी छात्राओं की पिटाई की थी. मजे की बात यह है कि पिटाई के दौरान सीसीटीवी कैमरा बंद था. सूत्रों के अनुसार टीआइसी के खिलाफ थाने में कुछ अन्य छात्राओं के अभिभावक भी शिकायत दर्ज कराने की तैयारी में है. एक छात्रा की हिम्मत देखकर अन्य छात्राओं के परिजनों में भी हिम्मत आ रही है.

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