13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

84 वर्षों बाद भी नहीं बना राय स्टेशन में फुट ओवरब्रिज

कोयला ढुलाई मद में प्रति वर्ष रेलवे को 35 अरब रुपये का मिलता है राजस्व

प्रतिनिधि, पिपरवार : बरकाकाना-बरवाडीह रेलखंड में राय रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है. यात्रियों के आवागमन के लिए स्टेशन में फूट ओवरब्रिज नहीं है. फुट ओवरब्रिज के अभाव में अब तक कई दर्जन लोग ट्रेनों की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं. जबकि रेलवे को इस स्टेशन से कोयला ढुलाई मद में अब तक हजारों करोड़ रुपये का मुनाफा हो चुका है. जानकारी के अनुसार स्टेशन तक पहुंचने का सुगम मार्ग नहीं होने की वजह से लोग रेलवे ट्रैक पार करने को विवश हैं. बसों से उतर कर आनेवाले पैदल यात्री पानी भरे टनल से जाने के बजाय, ट्रैक पार कर सीधे स्टेशन पहुंचना चाहते हैं. कई बार चार-पांच मालगाड़ियां समानांतर में लगी होती हैं. ऐसे में मालगाड़ियों के नीचे से ट्रैक पार करने के दौरान या तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आकर लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं. फुट ओवरब्रिज की मांग को लेकर अब तक कई बार लोग आंदोलन कर चुके हैं. रेल प्रबंधन आरसीएम साइडिंग की स्थिति, राजस्व व आबादी के नहीं होने का बहाना बना कर फुट ओवरब्रिज की मांग को टालता रहा है. जबकि कोयला ढुलाई मद में प्रति वर्ष रेलवे को 35 अरब रुपये का राजस्व प्राप्त होता है. राय स्टेशन में सात ट्रेनों का ठहराव होता है. राय, चूरी, मानकी, डकरा, बीओसीएम, राय कोलियरी, विशुझापा, बचरा, किरीगड़ा, बेंती, विजैन, राजधर, बहेरा, कल्याणपुर, एनटीपीसी टंडवा, मगध-आम्रपाली क्षेत्र, केरेडारी, डुंडू, बमने, बुढ़मू, ठाकुरगांव आदि कई दर्जन गांवों के लाखों की आबादी का नजदीकी स्टेशन राय है. स्थानीय लोगों का कहना है कि आरसीएम साइडिंग को बिना टच किये भी स्टेशन के विपरीत दिशा में कांटाघर के आसपास फुट ओवरब्रिज का निर्माण किया जा सकता है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि रेलवे अतिशीघ्र फुट ओवरब्रिज का निर्माण नहीं कराती है तो ग्रामीण आंदोलन के लिए विवश होंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें