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शहर के होटलों में फायर सेफ्टी की अनदेखी, खतरे में ग्राहक

शहर में संचालित कई होटलों में फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी हो रही है. फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी से होटलों में ठहरने वालों ग्राहकों की जान खतरे में है. उन होटलों में खतरा ज्यादा बढ़ जाता है, जिनके यहां रेस्टोरेंट या फिर रसोई है. शहर के एकाध होटलों में ही फायर सेफ्टी की सामग्री है.

सासाराम ग्रामीण. विगत 25 अप्रैल को पटना के पाल होटल में भीषण अग्निकांड हुआ था. पाल होटल की बगल में अमृत होटल भी आग की चपेट में आ गया था. इस अग्निकांड में आठ लोगों की जिंदा जल कर मौत हो गयी थी. लाखों रुपये के सामान की क्षति हुई थी. इस भीषण कांड से भी सासाराम के होटल संचालक सबक नहीं ले रहे हैं. शहर में संचालित कई होटलों में फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी हो रही है. फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी से होटलों में ठहरने वालों ग्राहकों की जान खतरे में है. उन होटलों में खतरा ज्यादा बढ़ जाता है, जिनके यहां रेस्टोरेंट या फिर रसोई है. शहर के एकाध होटलों में ही फायर सेफ्टी की सामग्री है. अधिकतर में एनओसी की बात तो दूर, आग से बचाव के लिए निर्धारित सामग्री भी नहीं है. इसका खुलासा अनुमंडल अग्निमशन पदाधिकारी नवल किशोर सिंह की बातों से हुआ. उन्होंने बताया कि वर्तमान में शहर में करीब 20 बड़े होटल व 50 से अधिक छोटे होटल संचालित हो रहे हैं. विभागीय प्रावधान व होटल बिल्डिंग नियमावली के अनुसार, हमारे यहां से इन होटलों को फायर सेफ्टी का एनओसी लेना है. इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष उसका रिन्युअल भी कराना है. उन्होंने बताया कि शहर के आशीर्वाद, नटराज, रोहित इंटरनेशनल, मंगलम उत्सव, जय डीलक्स, विनायक व बीएनएस सहित कई ऐसे होटल हैं, जो फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं. इन सभी होटलों को नोटिस भी दिया गया. बावजूद इसके होटल संचालक इस विषय को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जो खतरे को बढ़ावा दे रहे हैं.

फायर सेफ्टी का ऑडिट नहीं कराते होटल संचालक

आग से बचाव के लिए होटलों में मॉकड्रिल व फायर सेफ्टी का ऑडिट होना आवश्यक है. मानकों पर खरा नहीं होने की वजह से होटल संचालक फायर सेफ्टी ऑडिट नहीं कराते हैं. होटल का संचालक ऐसा नहीं कर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. शहर में करीब 50 से अधिक होटल हैं. इनमें से 90 फीसदी होटल संचालक मानक को नहीं मान रहे हैं.

क्या कहते हैं विभागीय पदाधिकारी

फायर सेफ्टी नियमों के तहत होटल व रेस्टोरेंट संचालकों को विभाग से एनओसी के लिए नोटिस जारी किया है. अगर वे नोटिस का जवाब नहीं देते हैं या फिर एनओसी नहीं लेते हैं, तो दूसरी बार नोटिस कर उनके विरुद्ध मुहिम चलायी जायेगी. नियम का अनुपालन नहीं करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

रितेश कुमार पांडेय, जिला अग्निशमन पदाधिकारी सह कमांडेंट, रोहतास.

क्या कहते हैं होटल संचालक

विभाग को फायर सेफ्टी एनओसी के लिए आवेदन किया है. होटल में हाइड्रेंट लगाने का प्रावधान है. लेकिन, विभाग के अधिकारी कमीशन के खेल में अपने किसी निजी व्यक्ति के द्वारा हाइड्रेंट लगाने की बात करते हैं, जो बाजार की कीमत से दोगुना खर्च आता है. एक प्राइवेट अधिकृत डीलर से हाइड्रेंट लगाने की सलाह विभाग के अधिकारी से ली, तो वह आनाकानी करते हैं. होटल के एरिया के अनुकूल सरकार को राजस्व भी देने को तैयार हैं. फिर भी विभाग के अधिकारी गलत आरोप होटल संचालकों पर लगाते हैं. सभी होटल संचालकों पर विभाग के द्वारा लगाया गया आरोप गलत है. यह पूरी लापरवाही विभाग कमीशन के खेल के लिए कर रहा है.

ओम प्रकाश चौरसिया, संचालक, होटल जय डीलक्स. सासाराम.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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