नौ चरण में भी नहीं हुआ टारगेट पूरा, परिवहन विभाग ने किया अवधी विस्तार
सुदूर क्षेत्रों से प्रखंड मुख्यालय तक आवागमन की व्यवस्था दुरुस्त करने सहित बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए साल 2018 में राज्यभर मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना चलाई गई थी. इस योजना के तहत प्रत्येक पंचायत में सात व्यक्ति यानि चार अनुसूचित जाति तथा तीन अतिपिछड़ी जाति को इस योजना की स्वीकृति देकर उन्हें वाहन खरीदने पर सामान्य वाहनों के लिए अधिकतम एक लाख रुपये तथा एंबुलेंस के लिए 2 लाख रुपये तक अनुदान देने का लक्ष्य रखा गया था. शुरुआत में जिले में 654 लोगों को सीएम ग्राम परिवहन योजना की स्वीकृति का लक्ष्य था. हालांकि बाद में इस टारगेट को बढ़ाकर 903 कर दिया गया. बताया जाता है कि चार साल समय बीत जाने के बाद भी यह टारगेट पूरा नहीं हो पाया है. यही स्थिति दूसरे जिले की है. बता दें कि टारगेट पूर्ण करने के लिए अबतक नौ चरणों में आवेदन लिए जा चुके हैं, लेकिन टारगेट पूरा नहीं हो पाया है. इधर परिवहन विभाग ने मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना की अवधी विस्तारित करते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 तक संचालित करने का निर्णय लिया है. विभागीय आदेश के बाद अब यह योजना अगले वित्तीय वर्ष तक चलेगी.
सुदूर क्षेत्रों में यातायात दुरुस्त करने के लिए चलाई गई है ये योजनासुदूर क्षेत्रों में यातायात की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना बनाई गई है. डीटीओ ने कहा कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन के विकास, वहां रहने वाले लोगो का परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराना था. ऐसे क्षेत्रों में रोजगार के सृजन एवं इनके विकास को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने यह योजना चलाई है. इस योजना के तहत प्रत्येक पंचायत से प्रखंड मुख्यालय तक छोटे वाहन चलायी गयी है. सरकार की योजना के तहत इस जिले में 9 सौ से अधिक वाहन सुदूर गांवों से प्रखंड मुख्यालय तक चलेगी. जिसके बाद इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी आसानी से शहर/प्रखंड मुख्यालय तक पहुंच पाएंगे. या यूं कहें कि घंटों का सफर ये लोग मिनटों में तय कर सकेंगे. बता दें कि इस योजना की स्वीकृति के बाद लाभार्थी को वाहन खरीदने पर अनुदान दिये जायेंगे. अनुदान के तौर पर लाभार्थी को वाहन मूल्य का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम एक लाख रुपये दिये जायेंगे. अनुदान लेकर वाहन खरीदने वाले व्यक्ति 5 साल तक अपना वाहन बेच नहीं पायेंगे. इसके लिए उन्हें एसडीओ के लिखित स्वीकृति लेनी होगी. वाहन ट्रांसफर भी ये अपने परिवार के उत्तराधिकारी को ही कर सकेंगे.
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