Samastipur News: Fierce opposition:सड़क पर ही चूल्हा,बर्तन व अन्य सामान रखकर विरोध जताने लगी.इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण भी समर्थन में आ पहुंचे.थानाध्यक्ष गौरव प्रसाद ने अपनी ओर से जाम समर्थकों को समझाने की कोशिश की, परन्तु उनकी एक न सुनी गई.
मोहिउद्दीननगर : अतिक्रमित भूमि को खाली कराने के विरोध में सोमवार को पीड़ित परिवार व ग्रामीणों ने बलुआही के पास एनएच-122 बी सड़क को जाम कर दिया.इस दौरान स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. वहीं जाम स्थल पर जिलाधिकारी को बुलाने की मांग पर ग्रामीण अड़े हुए थे.एसडीओ विकास पांडेय के आश्वासन के बाद करीब 5 घंटे के बाद जाम समाप्त हुआ.ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिस अतिक्रमित भूमि को प्रशासनिक आदेश के तहत खाली कराया गया, उस जमीन पर गणेश साह व राजेश साह का इंदिरा आवास बना हुआ था.जिसे मनमानी तरीके से तोड़ डाला गया.जबकि गणेश साह व राजेश साह के द्वारा केवाला के माध्यम से खरीदी गई जमीन पर छल से पीडब्ल्यूडी सड़क बना दी गई. दोनों परिवार मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं.दोनों का मकान तोड़े जाने के बाद अब ये बेघर हो गए हैं.जाम के दौरान गणेश साह की पत्नी रेखा देवी सड़क पर लेट गई. वहीं सड़क पर ही चूल्हा,बर्तन व अन्य सामान रखकर विरोध जताने लगी.इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण भी समर्थन में आ पहुंचे.थानाध्यक्ष गौरव प्रसाद ने अपनी ओर से जाम समर्थकों को समझाने की कोशिश की, परन्तु उनकी एक न सुनी गई.बाद में एसडीएम ने दूरभाष से पीड़ित परिवार के साथ बातचीत की.वहीं अपनी बात अनुमंडल कार्यालय प्रतिनिधि मंडल के साथ पहुंच कर रखने का निर्देश दिया. प्रतिनिधि मंडल में भाजपा नेता राजकपूर सिंह,रिंकू सिंह,हरेंद्र सिंह,परमहंस सिंह व पीड़ित परिवार के सदस्य शामिल थे.Samastipur News: Fierce opposition:क्या था मामला
थाना क्षेत्र के बलुआही में रविवार को अतिक्रमित सड़क को सीओ ब्रजेश कुमार द्विवेदी के नेतृत्व एवं पुलिस बलों की मौजूदगी में खाली कराया गया था.सीओ का बताना है कि परिवादी राजीव कुमार ने लोक शिकायत निवारण प्राधिकार में इस मामले को लेकर अतिक्रमण वाद संख्या 12/2223 दर्ज कराई गई थी.जिसमें राजेश साह व गणेश साह द्वारा सड़क को अतिक्रमित करने की बात बताई गई थी. जिसकी सुनवाई अनुमंडलीय व जिला लोक शिकायत प्राधिकार के द्वारा की गई थी. प्राधिकार के द्वारा वादी राजेश साह व गणेश साह को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया लेकिन वादी ने पक्ष नहीं रखा.इसे लेकर अंचल कार्यालय के द्वारा भी कई बार वादी को नोटिस जारी किया गया.इसका भी वादी ने कोई जबाब नहीं दिया. इसके बाद बीते 1 अगस्त व 30 अगस्त को अंतिम नोटिस जारी करते हुए अतिक्रमित भूमि को शीघ्र खाली करने का निर्देश जारी किया गया. लेकिन वादी ने भूमि को खाली नहीं किया. तब जाकर स्थानीय प्रशासन को जिलाधिकारी व अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश के मुताबिक अतिक्रमण मुक्ति की कार्रवाई करनी पड़ी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है