छपरा. सारण के 1600 से अधिक गांव में जमीन सर्वे का काम शुरू हो चुका है. बीते 31 अगस्त तक सभी गांव में शिविर लगाकर लोगों को जागरूक करने और जरूरी कागजातों से संबंधित जानकारी दे दी गयी है. अब एक सितंबर से जमीन से संबंधित सभी कागजात जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. रैयत या जमीन मालिक चाहे तो अपना कागजात ऑनलाइन भी जमा कर सकते हैं या फिर संबंधित अमीन को हस्तगत कर सकते हैं. अब सबसे बड़ी बात है कि जमीन पर हक जताने के लिए सर्वे कर्मी जमीन धारकों से आवश्यक दस्तावेज की मांग कर रहे हैं, जिनमें जमीन का खतियान महत्वपूर्ण कागज है. अगर आपकी जमीन पुस्तैनी है जो आपको अपने पिता, चाचा, दादा जैसे पारिवारिक संबंधियों से हासिल हुआ है तो खतियान पेश करना आश्यक है. इसी से आपकी जमीन पर आप अपना मालिकाना हक साबित कर सकते है. हक साबित करने के लिए पुश्तैनी जमीन के खतियान की नकल के लिए जिला राजस्व व अभिलेखागार कार्यालय में दौड़ लगाना शुरू कर दिया है. अभिलेखागार कार्यालय में ईतनी भीड़ हो रही है कि इसे हासिल करने में जमीन धारकों के पसीने छूट रहे हैं. इन दिनों सभी जिलों के अंचल कार्यालय में भी भीड़ देखी जा रही है. रिकार्ड रूम में रखे गए खतियान की प्राप्ति के लिए जिला रिकार्ड रूम में लोग वहां तैनात कर्मियों से गुहार लगाते देखे जा रहे हैं.
खतियान लेने की यह है प्रक्रिया
यदि आपको अपनी जमीन से संबंधित पूर्वजों के नाम से दर्ज खतियान की जरूरत है तो उसके लिए कुछ प्रक्रियाएं अपनानी होगी. आपकी पैतृक जमीन का खतियान अगर आपके पास नहीं है तो घबराने की आवशयकता नहीं है. आपकी तमाम जमीनों के खतियान जिले के रिकॉर्ड रूम में उपलब्ध है. आपको वहां पहुंच कर रिकॉर्ड रूम के अधिकारी या प्रधान लिपिक से संपर्क करना है. उनके सहयोग से अपनी जमीनों का खाता, खेसरा और थाना नंबर देकर आवेदन फाइल करना है. आवेदन में दर्ज खाता खेसरा से कर्मी आपकी जमीन का खतियान खोज देंगे जिसका पक्का नकल आपको उपलब्ध करा दिया जाएगा. इन दिनों खतियान की कॉपी निकालवाने के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में आवेदन फाइल कर रहें है.अब तक 10 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए
कार्यालय कर्मियों के अनुसार प्रतिदिन हजार से 1500 आवेदन प्राप्त हो रहे हैं आम दिनों में इसके लिए 50 से 60 आवेदन आते थे. 10 दिनों के अंदर 10000 से अधिक आवेदन आ चुके हैं और इनका निपटारा किया जा रहा है हालांकि साधन सीमित है बावजूद जिला प्रशासन के द्वारा लगातार साधन बढ़ाया जा रहा है ताकि काम में तेजी आ सके फोटो स्टेट मशीन, स्कैनर, और अन्य यंत्र लगाए जा रहे हैं. यदि यह सारे सिस्टम लग जाते हैं तब अभी जो 25 से 30 फ़ीसदी कम हो रहा है वह 50 से 100 फ़ीसदी हो जाएगा.ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है
खतियान प्राप्ति के लिए ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है. आवेदन देने के बाद तुरंत उसे पर कार्रवाई होती है और जैसे ही प्रक्रिया पूरी हो जाती है खतियान उपलब्ध करा दिया जा रहा है. रत्नेश कुमार, पद सहायक अभिलेखागार पदाधिकारी, सारणडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है