जहानाबाद
. सदर अस्पताल के नये भवन के निर्माण के लिए कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. निर्माण कार्य की शुरुआत में बेसमेंट की सतह पर ढलाई के लिए सरिया बिछाने का काम किया जा रहा है. सरिया बचाने के बाद बेसमेंट की सतह की ढलाई की जाएगी. इसके बाद भवन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी. इससे पहले पुराने मुख्य भवन को तोड़ने का काम पूरा कर अस्पताल के बेसमेंट के लिए खुदाई की गई थी. भवन गिरने का यह काम पिछले 8 महीने से चल रहा था. सदर अस्पताल की जर्जर बिल्डिंग गिराने का काम पिछले साल दिसंबर में शुरू किया गया था. सदर अस्पताल के पूर्वी छोर की बिल्डिंग को गिराने का काम फरवरी माह में ही पूरा हुआ. उसके बाद पूर्वी छोर की मुख्य बिल्डिंग खाली नहीं होने की वजह से तीन महीने बिल्डिंग गिरने का काम ठप रहा था. मई में सदर अस्पताल को पीकू वार्ड में शिफ्ट किए जाने के बाद अस्पताल की मुख्य बिल्डिंग को गिराने का काम शुरू किया गया था. करीब 3 महीने के बाद इस भवन को गिराने का काम पूरा हुआ है. मुख्य बिल्डिंग को गिराने के बाद निर्माण कार्य शुरू करने के लिए बेसमेंट की खुदाई में एक महीने से अधिक का समय लग गया.84 करोड़ की लागत से बनेगा जिला अस्पताल
सदर अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग की जगह अब जिला अस्पताल का नया भवन बनेगा. इस नई बिल्डिंग को बनाने में 84 करोड़ की लागत आने वाली है. जहानाबाद सदर अस्पताल की नई बिल्डिंग में जिला अस्पताल की तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. नई बिल्डिंग में 150 बेड का जिला अस्पताल बनाया जाना है, जिसके एक ही बिल्डिंग में सारी सुविधाएं होंगी. नौ तल्ले की बनेगी जिला अस्पताल की बिल्डिंग : यह नयी बिल्डिंग नौ तल्ले की होगी जिसमें दो बेसमेंट होगा. जबकि सात तल्ला की बिल्डिंग बनेगी. इस बिल्डिंग में डेढ़ सौ बेड लगाए जाएंगे. पूरी तरह लिफ्ट और आधुनिक सुविधाओं से युक्त यह बिल्डिंग भारत सरकार के इंडियन पब्लिक हेल्थ सर्विस के गाइडलाइन के अनुसार जिला अस्पताल के रूप में बनाया जाएगा. इसी बिल्डिंग में आधुनिक ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू मेटरनिटी वार्ड, पीआईसीयू जनरल वार्ड, इमरजेंसी वार्ड, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे सेंटर, सीटी स्कैन सहित तमाम सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध कराई जाएंगी.खतरनाक घोषित बिल्डिंग में चल रहा था अस्पताल : वर्षों पहले सदर अस्पताल की बिल्डिंग को जर्जर और खतरनाक घोषित किया जा चुका था जिसके बावजूद उसी बिल्डिंग में सदर अस्पताल संचालित किया जा रहा था. इस बीच कई बार विभिन्न कमरों और बरामदा तथा गैलरी के छत की सीलिंग टूट कर स्वास्थ्य कर्मियों और मरीजों पर गिरी थी जिसमें कई लोग घायल भी हो चुके थे. स्वास्थ्य मंत्री के मिशन 60 कार्यक्रम के तहत करीब पौने दो करोड़ की राशि को खर्च कर सदर अस्पताल के भवन की मरम्मत भी कराई गई थी जिसके बाद इस बिल्डिंग को डिमोलिश कर नई बिल्डिंग बनाया जाने का काम शुरू किया गया. इससे मरम्मत में खर्च किया गया पैसा यूं ही बेकार हो गया.
पहले कृषि विभाग की जमीन पर बनाया जाना था सदर अस्पताल : इससे पहले शहर के काको रोड में स्थित कृषि विभाग की जमीन पर नए सदर अस्पताल का भवन बनाने का प्रस्ताव भेजा गया था, किंतु बाद में स्वास्थ विभाग के सचिव के जहानाबाद सदर अस्पताल के निरीक्षण के बाद इस प्रस्ताव में तब्दीली की गई. उन्होंने अस्पताल परिसर की जमीन को जिला अस्पताल बनाने के लिए पर्याप्त पाया, जिसके बाद उन्होंने जिले के स्वास्थ्य और प्रशासनिक अधिकारियों को इसके बारे में रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था. जिला से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद विभाग ने सदर अस्पताल के पुराने जगह पर ही फिर से जिला अस्पताल बनाने के प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद वर्तमान सदर अस्पताल परिसर में ही नए भवन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया, जिसके बाद निविदा निकाली गई और फिर पुराने भवन को तोड़कर उसकी जगह पर नया भवन बनाए जाने के लिए काम शुरू कर दिया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है