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Election: हरियाणा चुनाव में आप का सहयोग लेने को लेकर कांग्रेस नेताओं में नाराजगी

हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर कांग्रेस के कई राज्यों के स्थानीय नेताओं में नाराजगी देखी जा रही है. हरियाणा कांग्रेस के स्थानीय नेता भी राज्य में आप के साथ किसी तरह का गठबंधन के खिलाफ हैं. पंजाब कांग्रेस के नेता खुलकर गठबंधन का विरोध कर रहे हैं.

Election: हरियाणा में आप और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत का दौर जारी है. कांग्रेस आलाकमान ने गठबंधन के लिए एक कमेटी का गठन भी कर दिया है. लेकिन आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर कांग्रेस के कई राज्यों के स्थानीय नेताओं में नाराजगी देखी जा रही है. हरियाणा कांग्रेस के स्थानीय नेता भी राज्य में आप के साथ किसी तरह के गठबंधन के खिलाफ हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे नेता किसी भी कीमत पर आप से गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं. कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन भी आप के साथ गठबंधन नहीं चाहते हैं. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि हरियाणा में आप का कोई जनाधार नहीं है और कांग्रेस अकेले दम पर सरकार बनाने की स्थिति में है. ऐसे में आप के साथ गठबंधन करने से आने वाले समय में कांग्रेस काे सियासी नुकसान हो सकता है. कांग्रेस और आप का सियासी जनाधार एक समान है और ऐसे में आप को हरियाणा में जगह देने का मौका देने से आने वाले समय में कांग्रेस को ही नुकसान होगा. 

पंजाब के कांग्रेस नेता भी आप के साथ नहीं चाहते हैं गठबंधन

दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस के विरोध के कारण ही आम आदमी पार्टी सत्ता पर काबिज होने में सफल रही है. दिल्ली में कांग्रेस के वोट बैंक पर आप का कब्जा होने से कांग्रेस खात्मे की कगार पर पहुंच गयी. पंजाब में भी कांग्रेस का विरोध कर आम आदमी पार्टी सत्ता पर काबिज होने में सफल रही है. आप और कांग्रेस के बीच दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया गया, लेकिन इसका फायदा कांग्रेस को नहीं हुआ. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लोगों ने स्वीकार नहीं किया. हाल के वर्षाें में दिल्ली में भी आप सरकार के खिलाफ लोगों की नाराजगी बढ़ी है. ऐसे में आप से गठबंधन करने का नुकसान कांग्रेस को हरियाणा और पंजाब में उठाना पड़ेगा. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पंजाब सरकार के खिलाफ लोगों में नाराजगी बढ़ रही है. ऐसे में अगर आप से गठबंधन होता है तो पंजाब में आने वाले समय में कांग्रेस, आप सरकार के खिलाफ आक्रामक अभियान नहीं चला पायेगी और इसका सियासी नुकसान उठाना होगा. लोकसभा चुनाव के नतीजों से जाहिर होता है कि पंजाब में आप का जनाधार सिकुड़ रहा है. यही नहीं दिल्ली में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होना है और इस गठबंधन से कांग्रेस की सियासत और कमजोर होगी और इसका फायदा आम आदमी पार्टी को ही मिलेगा. 

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