Bihar News: पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा-एक के निवर्तमान अंचलाधिकारी (सीओ) अभिषेक आनंद पर सरकारी संपत्ति का दाखिल- खारिज कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का गंभीर आरोप लगा है, जिसे अनुमंडल लोक शिकायत पदाधिकारी की जांच में सत्य पाया गया है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अनुमंडल लोक निवारण पदाधिकारी राजीव कुमार ने जिला पदाधिकारी को उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की अनुशंसा की है. साथ ही, इस संबंध में भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के अपर उच्च सचिव को एक पत्र भी भेजा गया है.
सरकारी जमीन के दाखिल-खारिज में गड़बड़ी
अनुमंडल लोक शिकायत पदाधिकारी की जांच के अनुसार, सीओ अभिषेक आनंद के कार्यकाल के दौरान सरकारी जमीन के दाखिल-खारिज में गड़बड़ी पाई गई है. आरोप है कि मौजा-मंझरिया खाता संख्या-10 को बदलकर खाता संख्या-536 किया गया और कई लोगों के नाम पर इसका नामांतरण कर दिया गया. इसके अतिरिक्त, गैरमजरूआ जमीन के खेसरा नंबरों को फर्जी तरीके से दर्ज किया गया और फर्जी रसीद नंबरों का उल्लेख कर सरकारी जमीन का नामांतरण कर दिया गया, जिससे सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा.
जानकारी मिलने के बाद भी नहीं की कार्रवाई
जांच में यह भी पाया गया कि जब इन गड़बड़ियों की जानकारी सीओ को मिली तो उनके द्वारा यह स्वीकार किया गया की ये नामांतरण गलत हुआ है, लेकिन तब भी उन्होंने इसके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की. न तो उन्होंने दाखिल-खारिज अपील दायर की और न ही जमीन को सरकारी संरक्षण में लेने का प्रयास किया. इसके अलावा, सीओ पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अतिक्रमणकारियों से मिलकर गैरमजरूआ आम और मालिक जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने की कोई कार्रवाई नहीं की.
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कार्रवाई करने की अनुशंसा
उक्त गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए अनुमंडल लोक निवारण पदाधिकारी ने सीओ के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए जिला पदाधिकारी को अनुशंसा की है, साथ ही इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए भूमि सुधार राजस्व विभाग के अपर उच्च सचिव को भी पत्र लिखा है.
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