Bulldozer Justice: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलडोजर को लेकर अखिलेश यादव के बयान पर करारा जवाब दिया है. योगी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज करते हुए बुधवार को कहा कि बुलडोजर चलाने के लिये ‘दिल और दिमाग’ की जरूरत होती है. उन्होंने कहा, ‘बुलडोजर पर हर व्यक्ति के हाथ नहीं फिट हो सकते. इसके लिये दिल और दिमाग दोनों चाहिये. बुलडोजर जैसी क्षमता और दृढ़ प्रतिज्ञा जिसमें हो, वो ही बुलडोजर चला सकता है. दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले लोग बुलडोजर के सामने वैसे ही पस्त हो जाएंगे.
अखिलेश यादव ने योगी को अलग पार्टी बनाकर बुलडोजर चुनाव चिन्ह रखने की दी चुनौती
अखिलेश यादव ने बुलडोजर को लेकर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को बड़ी चुनौती दी डाली. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, अगर आप और आपका बुलडोजर इतना ही सफल है तो अलग पार्टी बनाकर ‘बुलडोजर’ चुनाव चिन्ह लेकर चुनाव लड़ जाइए. आपका भ्रम भी टूट जाएगा और घमंड भी. वैसे भी आपके जो हालात हैं, उसमें आप भाजपा में होते हुए भी ‘नहीं’ के बराबर ही हैं, अलग पार्टी तो आपको आज नहीं तो कल बनानी ही पड़ेगी.
योगी के बयान पर अखिलेश यादव का पलटवार
योगी आदित्यनाथ के बयान पर पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि बुलडोजर में दिमाग नहीं बल्कि स्टीयरिंग होता है. उत्तर प्रदेश की जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दे, कुछ पता नहीं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, जहां तक दिल और दिमाग की बात है तो बुलडोजर में दिमाग नहीं होता. स्टीयरिंग होता है. बुलडोजर तो स्टीयरिंग से चलता है. उत्तर प्रदेश की जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दे या दिल्ली वाले (भाजपा शीर्ष नेतृत्व) कब किसका स्टीयरिंग बदल दे, कुछ पता नहीं. जिनके लिए बुलडोजर बल और नाइंसाफी का प्रतीक है, मैं उन्हीं को बुलडोजर की मुबारकबाद देना चाहता हूं.
अखिलेश यादव ने बुलडोजर कार्रवाई पर योगी सरकार को घेरा
अखिलेश यादव ने बुलडोजर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के रुख का जिक्र करते हुए कहा, आपको जानबूझकर जिनसे बदला लेना था, नीचा दिखाना था वहां अपनी सरकार की ताकत पर आपने जानबूझकर बुलडोजर चलाया. इसका परिणाम यह हुआ कि हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक यह कहा जा सकता है कि बुलडोजर संवैधानिक नहीं है, असंवैधानिक चीज है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब बुलडोजर नहीं चल सकता तो क्या अभी तक जो बुलडोजर चल रहा था उसके लिए सरकार माफी मांगेगी?
बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने की थी सख्त टिप्पणी
कई राज्यों में प्रशासन द्वारा आपराधिक मामलों में संदिग्ध लोगों के घरों को बुलडोजर से ढहाए जाने के बीच उच्चतम न्यायालय ने पिछली दो सितंबर को सवाल उठाया कि किसी का घर सिर्फ इसलिए कैसे ढहाया जा सकता है क्योंकि वह आरोपी है.
योगी आदित्यनाथ ने चाचा-भतीजे की तुलना भेड़िये से कर दी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव की ‘भेड़िये’ से तुलना की. उन्होंने कहा, पहले नौजवानों को नियुक्ति पत्र क्यों नहीं मिलता था। दरअसल नियत साफ नहीं थी. चाचा और भतीजा के बीच वसूली को लेकर होड़ लगती थी. एरिया बंटे हुए थे. मैं देख रहा हूं न इस समय कुछ आदमखोर भेड़िये अलग-अलग जनपदों में उत्पात मचा रहे हैं. कमोबेश यही स्थित वर्ष 2017 से पहले प्रदेश की थी. ये लोग उस समय कितनी तबाही मचाये हुए थे. इनके भी वसूली के एरिया बंटे हुए थे. वहां महाभारत के सारे रिश्ते थे. महाभारत का दूसरा दृश्य वहां देखने को मिलता था.