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फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन नहीं करने पर रंजू देवी को हुआ फाइलेरिया

रंजू देवी अपनी आपबीती सुनाते हुए बताती हैं कि उनका पैर अचानक से फूलने लगा तो उन्हें लगा कि ये बढ़ती उम्र के कारण सूजन है.

लखीसराय. जिले के पिपरिया प्रखंड का एक गांव जो सुदूरवर्ती इलाका है, उस गांव का नाम है रामचंद्रपुर. जहां एक परिवार ऐसा भी था जो फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाये जाने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन नहीं करते थे. स्वास्थ्य विभाग की टीम समझा-समझा कर थक गयी पर परिवार के लोगों का यही कहना होता था कि जब हमको फाइलेरिया की बीमारी है ही नहीं तो फिर हम दवा क्यों खायें. इस तरह दवा खिलाने वाली टीम बिना दवा खिलाये ही लौट जाती थी, पर जब परिवार की सदस्य रंजू देवी को हाथी पांव ने जकड़ा तो फिर सभी लोगों ने दवा खानी शुरू कर दी.

रंजू देवी अपनी आपबीती सुनाते हुए बताती हैं कि उनका पैर अचानक से फूलने लगा तो उन्हें लगा कि ये बढ़ती उम्र के कारण सूजन है, पर जब इसके उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरिया गयी तो वहां के प्रभारी डॉ संजय कुमार ने बताया कि आपको तो फाइलेरिया हुआ है, और अब ये किसी दवा से ठीक नहीं हो सकता है. ये सुनकर मैं काफी चिंतित हो गयी और उन्हें लगा कि ये मेरे साथ क्या हो गया. रंजू देवी कहती हैं हाथीपांव देखकर सोचने लगी कि ये किस गलती की सजा मुझे ऊपर वाले ने दी है, पर डॉ संजय कुमार ने समझाया कि ये आपकी गलती है कि कभी भी फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाया गया सर्वजन दवा सेवन अभियान के दौरान दवा नहीं खाया न ही आपके घर वालों ने भी कभी खाया. उसी का ये परिणाम है कि आपको ये गंभीर बीमारी हुई है और ये आपके परिवार के किसी भी सदस्य को हो सकता है, क्योंकि जिस मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से आपको ये रोग हुआ है, वो आपके परिवार के साथ पूरे समाज को संक्रमित कर सकता है. इसलिए आपके परिवार के सभी सदस्य ही नहीं बल्कि पूरे गांव को ये दवा इस संक्रमित मच्छर से बचा सकती है. ये बात सुनकर रंजू देवी ने अपने परिवार व आसपास के लोगों को बताया की सर्व-जन दवा सेवन अभियान में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए दवा खाना निहायत जरुरी है.

दवा नहीं खाने का परिणाम है फाइलेरिया होना

पिपरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बीसीएम नुसरत प्रवीण बताती हैं की जब रंजू देवी एवं उसके परिवार को समझ आया की दवा नहीं खाने का परिणाम है हाथी पांव. तब से उनका परिवार एवं आस-पास के लोग इस दवा को खाने से मना नहीं करते हैं. प्रवीण बताती हैं की ये एक मिसाल है की जो भी लोग फाइलेरिया उन्मूलन के लिए दवा नहीं खाते हैं, उनके साथ इस तरह की घटना कभी हो सकती है. इसलिए जब भी सर्वजन दवा सेवन अभियान चले तो जरूर से जरूर दवा खायें एवं अपने साथ अपने परिवार एवं समाज के लोगों को फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से सुरक्षित रखें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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