बोकारो, बोकारो के पूर्व सैनिकों के लिये प्रेरणास्रोत कुर्मीडीह निवासी पूर्व सैनिक वशिष्ठ प्रसाद सिंह (82 वर्ष) मंगलवार को पंचतत्व में हुए विलीन हो गये. उन्होंने 28 वर्ष के सैन्यकाल में 1965 व 1971 के युद्ध में अपना लोहा मनवाया था. चास गरगा घाट पर उनके बड़े पुत्र उदय शंकर सिंह ने मुखाग्नि दी. बता दें कि वह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. एक सितंबर को उनका निधन हो गया था. उनकी अंतिम यात्रा के आरंभ में पूर्व सैनिक सेवा परिषद के उनके साथी पूर्व सैनिकों ने उन्हें सैनिक परंपरा के अनुसार तिरंगा ओढ़ाया. परिजनों और पूर्व सैनिकों ने उनकी अर्थी को कंधा दिया. गरगा घाट पर चिता पर लिटाने से पहले उनके परिजनों को वही तिरंगा सौंप दिया, जिसे उनके पुत्र राकेश कुमार सिंह, राजीव रंजन सिंह व उदय शंकर सिंह सहित सभी ने नम आंखों से, पर गर्व के साथ स्वीकार किया.
जीवटता व जिंदादिली के साथ समय की पाबंदी के लिये जाने जाते थे : राकेश सिंह
पूर्व सैनिक सेवा परिषद के राकेश सिंह ने कहा कि वशिष्ठ प्रसाद सिंह के निधन से शोक की लहर है. उनके अचानक इस तरह जाने का दु:ख सभी को है. उनकी कमी हमेशा महसूस होगी. उम्र के इस आखिरी पड़ाव में भी वशिष्ठ प्रसाद सिंह अपनी जीवटता और जिंदादिली के साथ-साथ समय की पाबंदी के लिये जाने जाते थे. दिनेश्वर सिंह, मनोज झा, नीरज तिवारी, गंगेश्वर तिवारी, कृष्णा सिंह उपस्थित थे. सभी ने नाम आंखों से अपने मित्र को अंतिम विदाई दी. उधर, परिषद के राजहंस, राजकुमार सिंह, प्रदीप कुमार, अमित कुमार, मनीष चंचल, सुनील कुमार, संजीव कुमार सिन्हा, परमहंस, मनोज पांडे, निकेश कुमार गिरि, राजीव रंजन सिन्हा, अमित सिन्हा, सत्येंद्र कुमार, चंदन कुमार सिंह, सभ्यता पुष्प, अर्चना शर्मा, अशोक कुमार वर्मा व अन्य ने शोक जताया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है