लगाया आरोप: सात वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर दिया गया पद कोलकाता. विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार द्वारा मनोज पंत को मुख्य सचिव बनाये जाने पर सवाल उठाया है. शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से कहा कि सात वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर मनोज पंत को मुख्य सचिव बनाया गया है, क्योंकि सीएम ममता बनर्जी उक्त पद पर सिर्फ अपने पसंदीदा लोगों को ही बैठाना चाहती हैं. शुभेंदु अधिकारी ने एक्स पोस्ट में कहा : नबान्न (सचिवालय) में 31 अगस्त को मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति को लेकर बड़े पैमाने पर हंगामा हुआ, जब वित्त सचिव मनोज पंत को वरिष्ठता क्रम में सात अधिकारियों को दरकिनार करते हुए इस पद पर नियुक्त कर दिया गया. मनोज पंत, जिन्हें 30 अगस्त की शाम को वित्त सचिव पद से हटा कर सिंचाई व जलमार्ग विभाग का सचिव बनाया गया था. इसके अगले ही दिन उन्हें मुख्य सचिव बना दिया गया. इस घटनाक्रम ने राज्य के नौकरशाही तंत्र में हलचल मचा दी है. शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि मनोज पंत, जो एक पूर्व-कैडर अपर मुख्य सचिव भी रह चुके हैं, उन्होंने इस पद पर पहुंचने के लिए 1989 बैच के अत्रि भट्टाचार्य और 1990 बैच के सुब्रत गुप्ता जैसे वरिष्ठ अधिकारियों को पीछे छोड़ दिया. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो मुख्यमंत्री खुद को बंगालियों की हितैषी के रूप में पेश करती हैं, वही अब अपने हित साधने के लिए योग्य और वरिष्ठ बंगाली अधिकारियों की अनदेखी कर रही हैं. शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में अंतर है और इस नियुक्ति ने उनकी पाखंड को उजागर कर दिया है. उन्होंने कहा कि किसी भी पद के लिए नियुक्ति का मापदंड सिर्फ योग्यता होनी चाहिए, लेकिन जो लोग अपनी सुविधा के हिसाब से क्षेत्रवाद का खेल खेलते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि उनका पाखंड अक्सर उनकी दोहरी नीति के कारण उजागर हो जाता है.
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