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सोना लुटेरा प्रिंस को भगाने में शामिल था कुख्यात सोनू

बेऊर जेल में बंद सोना लुटेरा प्रिंस कुमार उर्फ अभिजीत को भगाने में कुख्यात सोनू पटेल का हाथ था. सोनू दो माह पहले जेल से छूटा था. जांच में पता चला है कि सोमवार की रात सोनू बुलेट गाड़ी से पीएमसीएच पहुंचा था.

संवाददाता, पटना : बेऊर जेल में बंद सोना लुटेरा प्रिंस कुमार उर्फ अभिजीत को भगाने में कदमकुआं के कुख्यात सोनू पटेल का हाथ था. सोनू पटेल दो माह पहले जेल से छूटा था. यह खुलासा पुलिस की जांच में हुआ है. प्रिंस से सोनू पटेल की दोस्ती हाजीपुर जेल में हुई थी. सोनू भी हाजीपुर का रहने वाला है. जांच में बात सामने आयी है कि सोमवार की रात सोनू बुलेट गाड़ी से पीएमसीएच के हथुआ वार्ड के समीप पहुंचा. उसके पीछे से दो कारों में उसके सहयोगी पहुंचे. उन लोगों के साथ बक्सर का भी एक अपराधी था. इसके बाद कार में बैठा कर सिपाही सुधीर पासवान, रंजन पासवान व प्रिंस को लेकर सैदपुर नहर स्थित एक डॉक्टर के मकान में लाया गया. सोनू ने दो माह पहले ही इसमें किराये पर कमरा लिया था. वहां पर पार्टी हुई. जहां शराब भी परोसी गयी. इसके बाद प्रिंस ने सुरक्षाकर्मी रंजन व सुबोध को उसी कमरे में बंद कर दिया और सभी वहां से निकल गये. लेकिन बक्सर का अपराधी नहीं भागा. वह प्रिंस के साथ ही बेऊर जेल से इलाज के लिए लाया गया था. काफी खटखटाने के बाद दरवाजा को घर में रहने वाले अन्य किरायेदारों ने मंगलवार की सुबह करीब तीन बजे खोला. इसके बाद सिपाहियों ने प्रिंस को खोजना शुरू कर दिया. उसके बाद दोनों सिपाहियों ने उजाला होने का इंतजार किया और बक्सर के कैदी को जेल पहुंचा दिया. साथ ही मंगलवार को करीब तीन बजे इन दोनों सिपाहियों ने बेऊर जेल अधीक्षक व पुलिस को प्रिंस के भागने के संबंध में जानकारी दी.

दोनों सिपाही भेजे गये जेल, एसटीएफ को भी लगाया गया

प्रिंस के चकमा देकर फरार हाेने के मामले में गिरफ्तार सिपाही रंजन पासवान व सुबोध पासवान को बुधवार को पीरबहोर थाने की पुलिस ने जेल भेज दिया है. प्रिंस वैशाली जिला के गोराैल थाने के हुसैना गांव का रहने वाला है. प्रिंस को गिरफ्तार करने व मामले की जांच के लिए एसटीएफ को लगाया गया है. पीरबहोर पुलिस के साथ ही एसटीएफ सैदपुर नहर रोड स्थित उस मकान के कमरे में पहुंची, जहां पार्टी हुई थी. वहां से पुलिस को पार्टी होने के सबूत भी मिले हैं. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाला है. कार का नंबर धुंधला आया है. इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में तमाम लोगों को आरोपित बनाया गया है, जो प्रिंस उर्फ अभिजीत को भगाने में शामिल थे.

कैदियों को जेल पहुंचाने गये सुरक्षाकर्मी वापस नहीं लौटे

पीएमसीएच में इलाज के लिए आये छह कैदियों को बेऊर जेल पहुंचाने के बाद अवर निरीक्षक रामलगन चौधरी, दिलीप कुमार, हवलदार गणेश मलिक, सिपाही रामराजी कुमार, अविनाश कुमार व नरेश कुमार वापस नहीं लौटे.

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