रामबाग निवासी कृष्णमोहन साह ने पत्नी की आंखों का दिया दान पूर्णिया. अंगदान को लेकर शहर में चलाई जा रही दधीचिदेह दानसमिति की जागरूकता मुहिम रंग लाने लगी है. इसी का नतीजा है कि शहरवासी अब पंचतत्व में विलिन होने से पहले अपने परिजनों और प्रियजनों के अंग का दान करने के लिए आगे आ रहे हैं और लगातार अब दानदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. दरअसल, बुधवार की सुबह शहर के रामबाग निवासी कृष्णमोहन साह की पत्नी बिभा देवी (70 वर्ष) का बीमारी की वजह से निधन हो गया. उनकी मृत्यु के बाद उनके पति और दोनों बेटों पवन कुमार और दीपक कुमार व बेटी बेबी ने अपनी मां के नेत्रों के दान की इच्छा जताई और उन्होंने दधीचि देहदान और ग्रीन पूर्णिया से संपर्क किया. इसके बाद दधीचि देहदान समिति के प्रांतीय उपाध्यक्ष सह ग्रीन पूर्णिया के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार गुप्ता और हीना सईद तथा रवींद्र साह व रुपेश डुंगरवाल कटिहार से मेडिकल की टीम को लेकर कृष्णमोहन साह के घर पर पहुंचे. वहां कटिहार से आई डॉक्टरों की टीम ने मृत्यु के उपरांत बिभा देवी की आंखों का दान लिया. इधर, नेत्रदान के संबंध में डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि देश में 4 लाख लोगों को नेत्रदान की आवश्यकता है. मगर हर साल 10 हजार आंखों का ही दान हो पा रहा है. जबकि हर नये साल में 10 हजार नये लोगों को नेत्रदाता की जरूरत पड़ती है. ऐसे में 4 लाख का जो बैकलॉग है वह जस का तस है. ऐसे में और लोगों को दूसरों की जिदंगी को रौशन करने के लिए आगे आना होगा. तब जाकर मानवसेवा का यह उद्देश्य अपनी मुकाम की तरफ बढ़ेगा. फोटो- 5 पूर्णिया 3-मौके पर दधीचि देहदान समिति के सदस्य एवं अन्य
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