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Seafood: निर्यात कैसे बढ़े विशेषज्ञ करेंगे मंथन

मत्स्य पालन के क्षेत्र में आने वाली दिक्कतों को दूर करने को लेकर विशाखापट्टनम में केंद्र सरकार की ओर से एक अहम बैठक का आयोजन किया जायेगा, जिसमें इस व्यवसाय से जुड़े स्टेक होल्डर के साथ विचार-विमर्श करने के साथ ही चुनौतियों को दूर करने के उपायों पर चर्चा की जायेगी..

Seafood: देश में मछली पालन कर जीविका चलाने वाले किसानों की संख्या काफी अधिक है. मत्स्य पालन किसानों की आय, निर्यात और खाद्य सुरक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. दुनिया में भारत दूसरे सबसे बड़े मछली उत्पादक के तौर पर स्थान रखता है. वर्ष 2022-23 में 175 लाख टन मछली का रिकॉर्ड उत्पादन प्राप्त किया. यह कुल वैश्विक मछली उत्पादन में 8 फीसदी का योगदान है. इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की समस्याओं और मत्स्य पालन के क्षेत्र में आने वाली दिक्कतों को दूर करने को लेकर एक अहम बैठक का आयोजन शुक्रवार को किया जायेगा, जिसमें इस व्यवसाय से जुड़े स्टेक होल्डर के साथ विचार-विमर्श करने के साथ ही चुनौतियों को दूर करने के उपायों पर चर्चा की जायेगी. 


 स्टेक होल्डर के साथ संवाद और सहभागिता बढ़ाने पर जोर


मत्स्य निर्यात में बढ़ोतरी पर परामर्श इससे जुड़े लोगों के बीच संवाद और सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए हितधारकों के साथ चर्चा में मछली पालने वाले किसान, मछुआरे, उद्योग क्षेत्र की प्रमुख हस्तियां, समुद्री खाद्य निर्यातक, नीति निर्माता और शोधकर्ताओं के सुझाव पर मंथन किया जायेगा.  इस बैठक का उद्देश्य नवाचार, स्थिरता और मूल्य संवर्धन पर ध्यान केंद्रित करने सहित वैश्विक समुद्री खाद्य बाजार में भारत की स्थिति में उन्नति और मछली पालने वाले किसानों व तटीय समुदायों के लिए समावेशी विकास को बढ़ावा देना है. यह पहल मत्स्य पालन क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.


पिछले 14 सालों में सीफूड का निर्यात में 14 फीसदी की बढ़ोत्तरी


भारत ने साल 2023-24 के दौरान 60,523.89 करोड़ रुपये का 17.8 लाख टन समुद्री खाद्य (सीफूड) निर्यात किया. पिछले एक दशक में झींगा पालन और इसके निर्यात में तेजी आई है. झींगा निर्यात लगभग 107 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ दोगुने से अधिक हो गया है. यह 19,368 करोड़ रुपये (साल 2013-14 में) से बढ़कर 40,013.54 करोड़ रुपये (2023-24 में) हो गया है. इसके परिणामस्वरूप समुद्री खाद्य निर्यात में काफी शानदार प्रगति हुई है. यह पिछले 10 वर्षों में 14 फीसदी की औसत वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है.

केंद्रीय मंत्री समेत वरिष्ट अधिकारी होंगे शामिल

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी और पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह विशाखापट्टनम में झींगा पालन और मूल्य श्रृंखला को सुदृढ़ करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए मत्स्य निर्यात में बढ़ोतरी पर स्टेकहोल्डर से लिये जाने वाले परामर्श की अध्यक्षता करेंगे. इस परामर्श में मत्स्यपालन, पशुपालन व डेयरी और पंचायती राज मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल और मत्स्यपालन, पशुपालन व डेयरी और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन सहित वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे.

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