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अब छोटे शहरों में भी बढ़ रहा कैमरे लगवाने का प्रचलन

अब लोग ताला को और मजबूत करते हुए घर-परिवार की सुरक्षा को लेकर घर के अंदर व बाहर सीसीटीवी कैमरे लगवाये जा रहे हैं. भभुआ जैसे छोटे शहर में भी बड़ी संख्या में दुकान-मकान अब सीसीटीवी की निगरानी में दिखायी देते हैं.

भभुआ सदर. जिले में एक दौर वह भी था, जब लोग बगैर डर भय के ही घरों पर ताला लगाकर चले जाते थे, जो आगे चलकर और मजबूत होते गये. इधर, जब इलेक्ट्रॉनिक लॉक और गेटेड कॉलोनियों का चलन बढ़ा, तो अब घर बाहर की सुरक्षा को लेकर पैमाने भी तेजी से बदलने लगे हैं. अब लोग ताला को और मजबूत करते हुए घर-परिवार की सुरक्षा को लेकर घर के अंदर व बाहर सीसीटीवी कैमरे लगवाये जा रहे हैं. भभुआ जैसे छोटे शहर में भी बड़ी संख्या में दुकान-मकान अब सीसीटीवी की निगरानी में दिखायी देते हैं. दरअसल, शहरों में और कहीं-कहीं ग्रामीण इलाकों में भी लोगों में सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ी है. क्योंकि, वर्तमान में परिवार की सुरक्षा जितनी जरूरी बन गयी है, उतना ही अब सिक्योरिटी सिस्टम मजबूत होता जा रहा है. भभुआ और मोहनिया शहर के अलावा जिले भर में घर पर नजर रखने के लिए अब तीसरी आंख के इस्तेमाल का चलन तेजी से बढ़ रहा है और आप शहर में हो या ना हो, कहीं भी बैठे अपने घर पर निगाहें आसानी से रख सकें, इसके इंतजाम किये जाने लगे हैं. इसके लिए घरों पर सीसीटीवी कैमरा गार्ड का काम कर रहा है. सीसीटीवी कैमरे लगे होने से आमजन सुरक्षित महसूस कर रहा है, तो वहीं यह सिस्टम अपराधियों से निबटने में पुलिस का कहीं-कहीं मददगार भी बन रहा है. क्योंकि, भभुआ शहर में अभी तक नगर पर्षद द्वारा हरेक चौक चौराहों पर कैमरे नही लगाये गये हैं. इसके चलते शहर में होनेवाले हर क्राइम के बाद पुलिस निजी मकानों, दुकानों व सरकारी संस्थानों में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के लिए दौड़ लगाती है. भभुआ शहर के सीसीटीवी कैमरा विक्रेताओं सन्नी कुमार, करुणा सिंह का कहना था कि कई-कई जगह अब निमार्णाधीन मकानों में बिजली की फिटिंग के साथ ही सीसीटीवी की लाइन की फिटिंग भी करायी जा रही है. शहर के अधिकतर नवनिर्मित होनेवाले घरों में भी कैमरे लगाने का चलन बढ़ गया है. शहर के वार्ड 18 में अपना निजी मकान बनवा रहे संजय सिंह ने बताया कि उनका मकान जिस मुहल्ले में बन रहा है उस गली में अक्सर संदिग्ध गतिविधियां होती रहती हैं, इसके चलते वह मकान के निर्माण के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे का भी कनेक्शन करवा रहे है. = नाइट विजन साफ, मोबाइल पर बजेगा अलार्म सीसीटीवी विक्रेता सन्नी के अनुसार चार कैमरों वाला सेट आठ से 10 हजार में घर में लग जाता हैं. इसके अलावा कई फीचर से लैस 40 से 50 हजार तक के कैमरे भी उनके पास उपलब्ध है, जिनसे दिन में ही नहीं बल्कि रात में भी दृश्यता और गतिविधि स्पष्ट होती है. हालांकि, नाइट विजन कैमरे से अंधेरे में भी तस्वीरें साफ दिखायी देती है. वहीं, कई कैमरे सेंसर वाले हैं. कैमरे के सामने किसी के भी आते ही मोबाइल फोन पर अलार्म बजने लगेगा, ताकि वे समय रहते सचेत हो जाये. = शहर की दुकानों पर है अधिक मांग शहर और जिले में लोगों द्वारा घरों के अलावा दुकानदार भी अब अपनी दुकानों की सुरक्षा को लेकर सीसीटीवी लगा रहे हैं. इनमें वॉइस रिकॉर्डिंग भी की जाती है, जो कैमरे के 15 मीटर तक की आवाज को भी रिकॉर्ड करता है. शहर के थोक किराना व्यवसायी रविंद्र चौरसिया ने बताया कि शहर में चोर उचक्कों का जिस तरह से माहौल है, उसमें दुकान में भी कैमरे लगवाना जरूरी था. इसके चलते उन्होंने दुकान के अलावा गोदाम और दुकान के बाहर गली में भी कैमरे लगवा रखे हैं. क्योंकि, पूर्व में उनकी गली और दुकान के आसपास अक्सर छोटी-बड़ी चोरी की घटनाएं होती रहती थीं, लेकिन जब से कैमरे लगे है तब से काफी हद तक चोरी आदि पर लगाम लग चुका है.

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