पुन एक सप्ताह के अंदर मानक के अनुरूप सबमर्सिबल पंप लगाने का दिया निर्देश
ठाकुरगंज के 20, बहादुरगंज के 17, दिघलबैंक के 30, किशनगंज के 6, कोचाधामन के 48, पोठिया के 16 और टेढ़ागाछ प्रखंड के 17 स्कूल शामिलकिशनगंज. जिले के सरकारी स्कूलों में लगाये गए सबमर्सिबल पंप में हुए घोटाले की आंच अब इन स्कूलों के हेडमास्टर तक पहुंच गई है. जांच के बाद जिले के 154 स्कूलों के हेडमास्टर का वेतन रोकने का आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जारी किया है. प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी मो जफ़र आलम ने इस मामले में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग पटना के द्वारा स्कूलों में जलापूर्ति के लिए गाड़े गए सबमर्सिबल बोरिंग की जांच रेंडम बेसिस पर कराये जाने और जांच में गंभीर अनियमितता पाए जाने का बात कही गई है. जिसमें ठाकुरगंज के 20, बहादुरगंज के 17, दिघलबैंक के 30, किशनगंज के 6, कोचाधामन के 48, पोठिया के 16 और टेढ़ागाछ प्रखंड के 17 स्कूल शामिल है.
एक हफ्ते के अंदर कार्य पूर्ण करवाने का दिया आदेश
इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी 154 प्रधानाध्यापकों को यह आदेश दिया है कि मानक के अनुरूप सबमर्सिबल बोरिंग का कार्य एक सप्ताह में पूर्ण करवाएं. जांच में गंभीर अनियमितता पाई गई है. सबमर्सिबल बोरिंग का कार्य मानक के अनुरूप नहीं किया गया है.
ठाकुरगंज के 20 स्कूल है चिन्हित
इस मामले में ठाकुरगंज प्रखंड के 20 स्कूलो के प्रधानाध्यापकों का वेतन रोका गया है. उनमें उत्क्रमित उच्च विद्यालय राजा गांव, उत्क्रमित उच्च विद्यालय कादोगांव, मध्य विद्यालय जंगलाभिट्ठा, उत्क्रमित उच्च विद्यालय बौरीगछ ,उत्क्रमित उच्च विद्यालय बेहबुल डांगी, उत्क्रमित उच्चविद्यालय पांच गाछी, उत्क्रमित उच्चविद्यालय लोधा , उत्क्रमित उच्चविद्यालय बरचोंदी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय कुकुरबाघी ,उत्क्रमित मध्य विद्यालय डेरामारी ,उत्क्रमित मध्य विद्यालय बहादुरपुर , उत्क्रमित मध्य विद्यालयमालिन गांव , उत्क्रमित मध्य विद्यालयगिल्हाबारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोइया, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बारमनी, मध्य विद्यालय चुरली , उत्क्रमित मध्य विद्यालय सूरी भिट्ठा , उत्क्रमित मध्य विद्यालयगंभीरगढ़ , नया प्राथमिक विद्यालय विरनाबाड़ी शामिल है.
क्या थी योजना
बताते चले सरकारी स्कूलों में गर्मी के दिनों में बच्चों को पानी की दिक्कत नहीं हो इसके लिए विभाग ने स्कूलों में सबमर्सिबल पंप लगाने निर्णय लिया था. शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रति स्कूल ढाई लाख से दो लाख सतर हजार रुपये खर्च कर 250 से 300 फीट की गहराई में बोरिंग कर सबमर्सिबल पंप लगाने का निर्देश दिया था . इसी के साथ विद्यालय में पानी की टंकी स्थापित करने के साथ हैंडवाश स्टेशन का भी निर्माण किया जाना था. हैंडवाश स्टेशन में आधा दर्जन से अधिक नल लगाए जाने थे. जिससे कि स्कूली बच्चों को पीने के लिए शुद्ध पेयजल के साथ हाथ धोने व शौचालय के उपयोग में परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. इस योजना के तहत जिले के 109 प्राथमिक और माध्यमिक स्कुलो को ढाई लाख और 64 उच्च विद्यालयों को 272000 ( दो लाख बहतर हजार रुपये ) की दर से ड्राइंग लिमिट दिया गया था. इस आदेश के बाद केवल 93 प्राथमिक और मध्य विद्यालय तथा 58 उच्च विद्यालय के द्वारा राशि निकासी की गई.
स्कूलों की छतों पर लगनी थी टंकी
शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार जिले के स्कूलों में गर्मी के दिनों में बच्चों को चापाकल के आगे लाइन लगने से छुट्टी दिलाने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई थी. इस योजना में स्कूलों की छत पर टंकी स्थापित कर पानी स्टोर भी किया जाना था. इससे वहीं बार-बार चापाकल खराब होने के झंझट से भी छुटकारा मिल जाता. आमतौर पर गर्मी के दिनों में पानी की अधिक आवश्यकता होती है. लेकिन स्कूलों में पानी के सीमित स्रोत होते हैं. जिसकी वजह से कई स्कूलों में गर्मी के दिनों में जल संकट उत्पन्न हो जाता है. किसी किसी स्कूल में चापाकल का पानी भी सुख जाता है. वहीं लोड बढ़ने से बार-बार चापाकल खराब होने की समस्या भी सामने आती रहती है. जिले के स्कूलों में बोरिंग होने के बाद छात्र छात्राओं को सहूलियत होगी. विद्यालय में सालों भर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है