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गांवों में जमे बाढ़ के पानी से महामारी की आशंका से लोग सहमे

विगत विगत 25 दिनों से दियारा क्षेत्र में डेरा डाले बाढ़ का पानी कम होने से दियारावासियों ने राहत की सांस ली है.

बलिया. विगत विगत 25 दिनों से दियारा क्षेत्र में डेरा डाले बाढ़ का पानी कम होने से दियारावासियों ने राहत की सांस ली है. जबकि बाढ़ के कारण गांवों में जहां-तहां जमे बाढ़ के पानी से महामारी की आशंका से स्थानीय लोग सहमे हुए हैं. बताया जाता है विगत 10 अगस्त से गंगा के जलस्तर में लगातार हुई वृद्धि के बाद से बाढ़ का पानी प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में प्रवेश करने लगा. तब से लगातार गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी एवं कमी जारी रहा. जिससे जिससे दियारा क्षेत्र में लगातार 25 दिनों तक बाढ़ की स्थिति जस की तस बनी रही. जिससे स्थानीय लोगों की खरीफ की फसल तो बर्बाद हो गयी. साथ ही लोगों को आवागमन से लेकर पशुचारे सहित कई तरह की मुसीबत का सामना करना पड़ा. मंगलवार की रात से गंगा के जल स्तर में धीरे-धीरे हुई कमी के बाद बुधवार को विशेष कमी के साथ गांवों से पानी की धारा बंद हो जाने से लोगों ने राहत की सांस ली है. अब गांवों में जमे बाढ़ के पानी से महामारी की आशंका से स्थानीय लोग सहमे हुये हैं. एक ओर बाढ़ का पानी जहां तहां जमे रहने से मच्छरों का प्रकोप तो बढ़ ही चुका है. अब जमे पानी से कई तरह की बीमारी फैलने की भी आशंका लोगों को सताने लगी है. वहीं दूसरी ओर जलस्तर में कमी के बावजूद अभी भी भवानंदपुर पंचायत के मसुदनपुर, शाहपुर, शिवनगर, भवानंदपुर, ताजपुर पंचायत के मीरअलीपुर सहित कई गांवों का मुख्य मार्ग लखमिनियां-मसुदनपुर पथ पर आवागमन सुलभ नहीं हो सका है. अभी भी इस पथ पर चेचियाही ढाब में मुख्य सड़क पर बाढ़ का पानी फैले रहने से स्थानीय लोग जान को जौखिम में डालकर बाढ़ के पानी से होकर आवागमन करने को मजबूर हैं. जबकि ताजपुर पंचायत के लोगों का प्रखंड मुख्यालय से अभी भी संपर्क भंग है. मुख्य मार्ग पर पुलिया के डायवर्सन पर बाढ़ का पानी रहने से नाव का परिचालन अभी भी जारी है.

कहते हैं स्थानीय लोग

विगत 25 दिनों से बाढ़ का पानी गांवों में फैले रहने से गांवों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. लगभग एक माह से जमे पानी बदबू देने लगे हैं. इसकी रोकथाम के लिये स्थानीय प्रशासन शीघ्र उपाय करे. ताकि महामारी से बचाया जा सके.

रंजन चौधरी, मसूदनपुर

बाढ़ का पानी विगत 25 दिनों से लोगों के घरों के चारों ओर फैला हुआ है. जो अब बदबू देने लगे हैं. साथ ही बाढ़ के कारण क्षेत्र के किसानों की खरीफ फसल पूरी तरह बर्वाद हो चुकी है. उन्होंने जिला प्रशासन से शीघ्र प्रभावित इलाके में ब्लीचिंग का छिड़काव, फागिंग की व्यवस्था एवं किसानों की भूमि के छति का आकलन कर क्षतिपूर्ति देने की मांग की है.

राजीव कुंवर, सामाजिक कार्यकर्ता सह जिप प्रतिनिधि, क्षेत्र संख्या 32

बाढ़ का पानी आये लगभग एक माह होने को है. गांवों में बाढ़ का पानी फैले रहने से महामारी की आशंका बढ़ गयी है. प्रशासन के द्वारा क्षेत्र में शीघ्र ब्लीचिंग का छिड़काव एवं फागिंग की व्यवस्था करने की जरूरत है. ताकि विभिन्न तरह की बीमारियों को समय रहते फैलने से रोका जा सके. जिला प्रशासन शीघ्र प्रभावित इलाकों में संभावित महामारी की रोकथाम के लिये आवश्यक पहल करें.

शिवनंदन कुमार उर्फ शिवदानी, मुखिया, ग्राम पंचायत राज ताजपुर

परमानंदपुर पंचायत के जदयू नेता सुबोध कुमार ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के बीच पशु चारा का घोर अभाव हो चुका है. गांवों में जहां-तहां बाढ़ का पानी जमा हुआ है. जिससे विभिन्न तरह की बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है. जिला प्रशासन शीघ्र प्रभावित पंचायतों के गावों की स्थिति की जांच कराकर जरूरी पहल करें ताकि किसी भी तरह की अनहोनी को रोका जा सके.

सुबोध कुमार, जदयू नेता, परमानंदपुर

कहते हैं सीओ

विगत दो दिनों से गंगा के जल स्तर में कमी हुई है. अभी भी क्षेत्र के कुछ मुख्य पथों पर बाढ़ का पानी फैला हुआ है. गांवों में फैले बाढ़ के पानी से होने वाले संक्रमण को लेकर जिला से निर्देश मिलने पर आवश्यक उपाय किये जायेंगे.

रवि कुमार, सीओ बलिया

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