चंदनकियारी, चंदनकियारी प्रखंड के कुसुमकियारी पंचायत अंतर्गत चंडीपुर में नये पंचायत भवन निर्माण स्थल को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है. निर्माण के लिए स्वीकृत स्थल को परिवर्तन किए जाने के विरोध में गुरुवार को पंचायत की सैकड़ों महिला व पुरुषों ने विरोध किया. स्वीकृत स्थल चंडीपुर से कुसुमकियारी गांव में स्थानांतरित करने के विरोध में चंडीपुर समेत नुनियाडीह, बेराटांड़, गांगुडीह के अलावा टुमकुटांड़ के बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने प्रस्तावित स्थल पर पहुंचकर विरोध-प्रदर्शन किया. जहां पंचायत के मुखिया लीलावती देवी समेत अन्य लोग उपस्थित रहे. सभी ने पंचायत भवन का नींव खुदाई के बाद कुसुमकियारी गांव में स्थानांतरित करने पर नाराजगी जाहिर की.
राजनीतिक साजिश के तहत किया गया स्थल परिवर्तन
मुखिया लीलावती देवी ने कहा कि चंडीपुर व कुसुमकियारी दोनों गांव समान हैं. पंचायत भवन चंडीपुर में बनाना कुसुमकियारी की जनता के लिए अनुकूल रहेगा. कहा कि यह एक राजनीतिक साजिश के तहत पंचायत भवन को चंडीपुर गांव से स्थगित कर कुसुमकियारी ले जाया गया हैं. जबकि चंडीपुर की 10 डिसमिल जमीन राज्यपाल के नाम से दान देने के बाद भवन प्रमंडल बोकारो की ओर से संवेदक को पांच जुलाई को कार्यादेश दिया गया हैं. संवेदक ने कार्य शुरू कर नींव खुदाई की, लेकिन बुधवार को एक जेसीबी मशीन आकर उक्त नींव को ढकने लगे. जिसकी सूचना ग्रामीण को होने पर पता चला पंचायत भवन को दूसरे जगह स्थानांतरित किया गया है. जो सरासर गलत है.
चंडीपुर एनएच के किनारे, जबकि कुसुमकियारी है चार किमी दूर
चंडीपुर गांव एनएच 218 के किनारे पर स्थित हैं. जहां कोई भी आम जनता दिन व रात में आसानी से आ जा सकेंगे. जबकि कुसुमकियारी राजस्व गांव एनएच 218 से लगभग चार किलोमीटर की दूर पर हैं. जिसके बीच कई घना जंगल हैं. जहां रात में हमेशा छिनतई होती है. रात तो क्या दिन में भी महिलाएं अकेले जाने में असुरक्षित महसूस करती हैं. मुखिया ने कहा कि जब पंचायत निर्माण को लेकर 25 सितंबर 2023 को ग्रामसभा हुई थी, तो कुसुमकियारी पंचायत के 13 में से 11 वार्ड की सहमति चंडीपुर गांव के लिए हुई थी. लेकिन कुछ बिचौलियाें द्वारा अपनी निजी स्वार्थ के लिए उक्त पंचायत भवन को स्थानांतरित के लिए प्रशासन को भ्रामक सूचना उपलब्ध करायी गयी हैं.ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
ग्रामीणों ने प्रदर्शन स्थल पर जमकर नारेबाजी की. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पंचायत भवन का निर्माण चंडीपुर गांव में नहीं होता हैं, तो आगे उग्र आंदोलन किया जायेगा. चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने की बात कही. इसमें सड़क जाम से लेकर बीडीओ एवं सीओ कार्यालय के घेराव समेत सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को बहिष्कार करने की बात कही. कहा कि अगर इनसे भी बात नहीं बनी, तो चंडीपुर व अन्य गांव के लोग आमरण अनशन करने के लिए बाध्य होंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है