14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पश्चिम बंगाल: राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने दिया ममता बनर्जी को झटका, अपराजिता बिल लटकाया, लेकिन क्यों?

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने आपराजिता बिल पारित करने से मना कर दिया है क्योंकि बंगाल सरकार ने बिल के साथ टेक्निकल रिपोर्ट नहीं भेजी है. इस मामले में एक बार फिर ममता बनर्जी और राज्यपाल सीवी आनंद बोस के बीच तल्खी बढ़ गई है.

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस और ममता बनर्जी एक बार फिर से आमने-सामने हैं. दरअसल, गवर्नर सीवी आनंद बोस ने बंगाल सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार की वजह से अपराजिता बिल पास होने में देर हो रही है. उन्होंने ममता सरकार पर आरोप लगाया कि बिल के साथ टेक्निकल रिपोर्ट नहीं भेजी गई है. टेक्निकल रिपोर्ट के बिना बिल को मंजूरी नहीं दी जा सकती.

राजभवन ने जारी किये बयान में क्या कहा ?

राजभवन की ओर से जारी हुए बयान में कहा कि यह बिल महिलाओं के मुद्दे पर केंद्रित था लेकिन सरकार ने जैसे रवैया अपनाया है उससे असंतुष्ट हूं. लेकिन यह पहली बार नहीं है जब सरकार ऐसा कर रही है. ऐसा पहले कई बार हो चुका है कि सरकार कई बिल के साथ टेक्निकल रोपोर्ट नहीं भेजती है जिसकी वजह से देरी होती है. वहीं सरकार बिल पास होने में देरी की वजह राजभवन को ठहराती है.

क्या है अपराजिता बिल ?

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या मामले के बाद राज्य में हंगामा मचा हुआ है. बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इन सबके बाद 3 सितंबर को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने विधानसभा में अपराजिता बिल पास किया. इस बिल में प्रावधान है कि पुलिस को 21 दिनों के अंदर केस सुलझाना होगा. विधानसभा से बिल पास हो जाने के बाद यह बिल राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है.

Also Read: जीरो साबित हो सकता है ममता दीदी का अपराजिता बिल, संविधान के अनुसार क्या हैं प्रावधान

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें