औरंगाबाद ग्रामीण. सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ अभिषेक कुमार सिंह अचानक चर्चा में आ गये. गुरुवार की रात सर्पदंश के शिकार एक मरीज का इलाज कर उसकी जांच बचा दी. फेसर थाने के सिनवारी गांव निवासी टूना साव को एक विषैले सांप (करैत) ने काट लिया. इसके बाद उसकी स्थिति गंभीर हो गयी. परिजन उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां से भी उसे मगध मेडिकल कॉलेज गया रेफर कर दिया गया. परिवार के सभी सदस्य सदमे में आ गये. गया जाने की तैयारी करने लगे. इसी क्रम में डॉ अभिषेक पहुंचे व परिजनों को समझाया. कहा कि शरीर में जहर धीरे-धीरे फैल रहा है और गया जाते-जाते मरीज बच नहीं पायेगा. ऐसे में रिस्क के साथ इलाज करना पड़ेगा. परिजनों ने डॉक्टर पर भरोसा जताया और डॉ अभिषेक ने इलाज शुरू किया. शरीर में फैल रहे जहर को पाटने के लिए एंटी स्नैक वेनम का डोज दिया. कुछ क्षण बाद मरीज की हालत सुधर गयी और वह ठीक भी हो गया. एंटी स्नैक वेनम उस स्थिति में मरीज को दिया जाता है, जब शरीर के किसी हिस्से में काटने वाले सांप की पहचान हो, वह भी विषैला होना चाहिए. बड़ी बात यह है कि अगर किसी व्यक्ति को बिना जहर वाला सांप काटा और उसे एंटी स्नैक वेनम दिया जाये तो उसका विपरीत असर पड़ता है. ऐसे में डॉ अभिषेक ने रिस्क लिया और उसकी जान बचायी. बताया कि मरीज की स्थिति काफी क्रिटिकल होते जा रही थी और बीपी भी डाउन हो रहा था. मरीज के परिजनों को सारी स्थिति बतायी गयी, तो उनके द्वारा विश्वास जताते हुए इलाज का अवसर दिया. मरीज का इलाज शुरू हुआ और उसकी जान बच गयी. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सक काफी अनुभवी है और किसी भी विषम परिस्थिति को संभालने वाले है. ऐसी स्थिति में मरीज के परिजनों को भी धैर्य रखने की आवश्यकता है. सर्पदंश के शिकार युवक की भी जान आपसी सहयोग और अस्पताल के चिकित्सक पर भरोसा जताने से ही बची है. उन्होंने बताया कि ऐसे कई मामले आये है जहां चिकित्सकों ने लोगों की जान बचायी है. यही कारण है कि सदर अस्पताल के प्रति मरीज का विश्वास बढ़ा है और प्रतिदिन हजारों की संख्या में यहां विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज किया जा रहा है.
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