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Giridih News. 8000 छात्रों के गिरिडीह कॉलेज में न पीने का पानी, ना ही शौचालय

Giridih News.गिरिडीह कॉलेज में नामांकित लगभग आठ हजार विद्यार्थियों में प्रतिदिन लगभग एक हजार आते हैं. परिसर में कुल तीन चापाकल और एक कुआं है में दो चापाकल तो बंद हैं और एक चापाकल से गंदा पानी निकलता है. कुएं का भी पानी पीने लायक नहीं है.

तीन चापाकल में दो खराब, एक देता है गंदा पानी, कुएं का पानी भी पीने लायक नहीं

आठ हजार विद्यार्थियों के गिरिडीह कॉलेज में न पीने का पानी, न शौचालय

नामांकित आठ हजार में प्रतिदिन आते हैं एक हजार विद्यार्थी

गिरिडीह.

गिरिडीह कॉलेज में नामांकित लगभग आठ हजार विद्यार्थियों में प्रतिदिन लगभग एक हजार आते हैं. परिसर में कुल तीन चापाकल और एक कुआं है में दो चापाकल तो बंद हैं और एक चापाकल से गंदा पानी निकलता है. कुएं का भी पानी पीने लायक़ नहीं है. एक टंकी थी, जिसमें लगे तो कई नल थे, पर अब टंकी को छोड़ सारे नल ग़ायब हो गये. प्यास से परेशान विद्यार्थी बाहर से पानी खरीदने को विवश होते हैं. कॉलेज में एक ओर जहां शौचालय में पानी नहीं है. महिलाओं के एकमात्र शौचालय को गोदाम बना दिया गया है. साथ ही शौचालय में ताला भी जड़ दिया गया है.

एनसीसी चालू करने की भी उठ रही मांग : गिरिडीह कॉलेज में सालों से संचालित एनसीसी केंद्र को बंद करने से काफ़ी विद्यार्थियों को परेशानी हो गयी है. बताया गया कि महाविद्यालय में एएनओ की कमी की वजह से केंद्र को बंद कर दिया गया था. आठ जुलाई को एनसीसी के बंद होने का पत्र कॉलेज प्राचार्य डॉ अनुज कुमार को प्राप्त हुआ. पत्र में कॉलेज में एएनओ के नहीं होने की वजह से एनसीसी केंद्र को बंद करने का आदेश दिया गया था. इसके बाद से यहां केंद्र बंद कर दिया गया. प्राचार्य ने कहा कि पत्र मिलते ही एनसीसी से संबंधित अधिकारियों एवं विभागों को एनसीसी केंद्र को नहीं बंद करने का आग्रह किया था. क्योंकि यहां पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के कई बच्चे एनसीसी केंद्र में अग्निवीर, एसएसबी, सीआरपीएफ़ और बीएसएफ़ जैसी अन्य सेवाओं के लिए प्रशिक्षण लेते हैं. पूर्व में एनसीसी के माध्यम से कई बच्चों का सेलेक्शन अलग-अलग विभागों में भी हुआ है. कहा कि कॉलेज में एनसीसी केंद्र के लिए एनसीसी क्लास रूम, कक्ष, दस डमी रायफ़ल्स, प्रशिक्षण के लिए बड़े मैदान आदि का इंतजाम है और शेष कमियां दो महीने में पूरी कर ली जायेंगी. बावजूद इसके एनसीसी को दोबारा चालू करने का आदेश नहीं मिला.दस विषयों के नहीं हैं शिक्षक : महाविद्यालय में आठ हज़ार से अधिक छात्रों के लिए 19 शिक्षकों का पद है और कुल 19 विषयों की पढ़ाई होनी है. कॉलेज में मात्र नौ शिक्षक ही हैं. इनमें फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बोटनी, मैथमेटिक्स, एंथ्रोपोलॉजी, साइकोलॉजी, फिलोसफी, उर्दू, बंगाली, संथाली के शिक्षक नहीं हैं.

बॉक्स-अभाविप ने कॉलेज में दिया धरना

6. गिरिडीह. 13. धरना पर बैठे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगअभाविप गिरिडीह ने शुक्रवार को गिरिडीह कॉलेज में पांच सूत्री मांगों को लेकर प्राचार्य गेट के सामने तालाबंदी कर प्रदर्शन किया. अभाविप कार्यकर्ताओं का कहना है कि परिषद ने मांगों को लेकर पूर्व में भी कई बार आवेदन दिया है, पर हर बार टाल-मटोल किया जाता है. शुक्रवार की तालाबंदी की सूचना कॉलेज प्राचार्य को पूर्व में ही दे दी गयी थी. बावजूद इसके प्राचार्य महाविद्यालय नहीं आये. उनका कहना है कि प्राचार्य विद्यार्थी परिषद के सवालों से भाग रहे हैं. अभाविप की मुख्य मांग महाविद्यालय में एनसीसी को पुनः चालू करना, पानी का प्रबंध, प्रोफेसर की कमी को दूर करना, राजनीति विज्ञान, इतिहास, भूगोल, संथाली में पीजी की पढ़ाई इसी सत्र से शुरू करने जैसी मांगें शामिल हैं.

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