कोयलांचल में गणेश चतुर्दशी की तैयारी पूरी हो चुकी है. शुक्रवार देर रात तक जगह-जगह पंडालों में गजानंद पधारे. शनिवार को घर-घर विघ्नहर्ता पूजे जायेंगे. शहर में जगह-जगह गणपति बप्पा मोरया का नारा गूंजा. सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार सबसे पहले भगवान गणेश की ही पूजा होती है. धनबाद में भी अब गणेश पूजा का आयोजन काफी धूम-धाम से होता है. पहले यहां चंद स्थानों पर ही पंडाल बना कर गणेश पूजा का आयोजन होता था. इसमें जिला परिषद का निरीक्षण भवन शामिल है. जहां आंध्र प्रदेश के लोग इस पूजा का आयोजन करते थे. इस बार भी वहां पूजा का आयोजन हो रहा है. इसके अलावा शिमलडीह तेलीपाड़ा में भव्य तरीका से इस पूजा का आयोजन हो रहा है. यहां मेला भी लगता है. बिनोद नगर हीरापुर के आंबेडकर नगर में हिंदू राष्ट्र चर्चा मंडल के मार्गदर्शन में सनातन धर्म संस्कृति सेवा समिति के तत्वावधान में नगर वासियों के सहयोग से गणेश पूजा का बड़े पैमाने पर आयोजन किया जा रहा है. बनारस से पधार रहे वैदिक कर्मकांडी पुजारियों के मार्गदर्शन में वैदिक मंत्र और पूजन शुरू होगी एवं पूजन के पश्चात कपाट आमजन के लिए खोल दिये जायेंगे.
बरमसिया में तीन दिनों तक होगा पूजन, कई आयोजन :
श्री श्री गणेश पूजा मित्र मंडली हरि नारायण नगर बरमसिया की तरफ से इस वर्ष भी भव्य पूजा का आयोजन किया जा रहा है. पूजा आयोजन समिति के अध्यक्ष संतोष यादव ने बताया कि यहां पर तीन दिनों तक पूजा होगी. गुफानुमा पंडाल बनाया गया है. कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे.छोटी मूर्तियों की ज्यादा रही मांग :
घर-घर गणपति की मूर्ति स्थापित करने की परंपरा यहां भी बढ़ी है. आज भी विभिन्न क्षेत्रों में छोटी मूर्तियों की बिक्री खूब हुई. खासकर इको फ्रेंडली मूर्तियां ज्यादा बिकी. पांच सौ से तीन हजार रुपये तक में छोटी मूर्तियां बिकी. जबकि पंडालों के लिए पहले ही आयोजकों ने बड़ी मूर्तियां बुक कर रखा था. आज ऑटो, ठेला से मूर्तियों को पंडालों तक ले जाया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है