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दुर्गा पूजा, दीपावली व छठ को लेकर फारबिसगंज आगरा कैंट के लिए चलेगी पूजा स्पेशल ट्रेन

अब लोगों को गांव आने में नहीं होगी परेशानी

फोटो:54-फारबिसगंज स्टेशन. प्रतिनिधि, फारबिसगंज आगामी दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ जैसे पर्व पर यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे द्वारा आगरा कैंट व फारबिसगंज के बीच साप्ताहिक त्योहार विशेष ट्रेन परिचालन की घोषणा की है. इस घोषणा से रेल यात्रियों में हर्ष व्याप्त है. पर्व त्योहार के मौके पर बड़ी संख्या में इस इलाके के लोग देश के महानगरों से घर वापस आते हैं. ट्रेन में बेतहाशा भीड़ के कारण न केवल वे आने से वंचित रह जाते हैं बल्कि उन्हें आने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में त्योहार स्पेशल ट्रेन के परिचालन की घोषणा रेलवे द्वारा की गई है इस का लाभ लोगों को मिलेगा. रेलवे द्वारा जारी विज्ञप्ति में आगरा कैंट से प्रत्येक शुक्रवार चार अक्तूबर से ट्रेन संख्या 04195 के रूप में 22 नवंबर तक सुबह पांच बजे आगरा कैंट से खुलकर शनिवार को अपराह्न 3:15 बजे फारबिसगंज पहुंचेगी. वापसी में ट्रेन संख्या 04196 के रूप में 5 अक्टूबर शनिवार को ही 23 नवंबर तक सांयकाल 6:40 में फारबिसगंज से खुलकर सोमवार को प्रातः 7:30 पर आगरा केंट पहुंचेगी. यह ट्रेन आगरा कैंट से ग्वालियर जंक्शन, झांसी, कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, बलिया, छपरा, कटिहार होते के रास्ते चलेगी. इसके कोच के संयोजन में स्लीपर श्रेणी के 4 कोच, द्वितीय वातानुकूलित के 2, तृतीय वातानुकूलित के 2 व तृतीय वातानुकूलित इकोनॉमी क्लास के 2 कोच के अतिरिक्त सामान्य कोच भी होंगे. ————– बारिश के अभाव में सुख रहे धान के फसल कुर्साकांटा. बारिश के अभाव में सुख रहे धान फसल को लेकर प्रखंड क्षेत्र के किसान परेशान हैं. किसानों ने बताया कि विगत लगभग एक पखवारा से बारिश नहीं होने से धान फसल सुख रहा है. वहीं धान फसल के सभी खेतों तक सिंचाई का साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण परेशानी बढ़ती ही जा रही है. किसानों ने बताया कि बृहत पैमाने में हो रही धान की फसल के कारण सभी खेतों तक पंप सेट से पानी पटवन करना आसान नहीं है. बारिश नहीं होने के कारण एक तरफ धान का फसल सूखता जा रहा है तक दूसरी तरफ खेत में पानी नहीं रहने के कारण धान फसल में घास पतवार भी तेजी से फैल रहा है. जिसकी सफाई करना किसान के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. किसानों ने बताया कि किसान सभी जमा पूंजी को खेती के लगाकर धान की खेती किया. जिससे आने वाले समय में धान का उन्नत पैदावार से समस्या का समाधान होगा. लेकिन आलम यह है कि बारिश के अभाव में किसानों का अरमान कहीं ख्याली पुलाव तो बनकर नहीं रह जायेगा. किसान सुने आसमान से बारिश की बूंदें गिरेंगी की उम्मीद लगाए बैठे हैं.

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