मोतिहारी.जैविक सब्जी का बाजार में डिमांड बढ़ रहा है. किसान मौसम को केंद्र में रखकर नकदी फसल के रूप में जैविक सब्जी लगाएंगे तो इसके कई लाभ होंगे. फसल खराब नहीं होगी और बेहतर उत्पादन प्राप्त कर किसान समृद्ध होंगे. सरकार भी जैविक खेती को बढ़ावा देने को लेकर किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. उद्यान विभाग के तत्वावधान में जैविक सब्जी उत्पादन को लेकर कई योजनाएं चल रही है. इनमें किसानों को तकनीकी जानकारी के साथ बीज आदि भी मुहैया कराने का प्लान है. जिसका लाभ किसान उठा सकते हैं. किसान जैविक सब्जी की खेती का नविन तकनीक को अपना बेहतर उत्पादन प्राप्त करेंगे. इससे उनके आय में दोगुनी वृद्धि होगी. रसायनिक खेती के आदि हो चुके किसानों के लिए जैविक खेती अपनाना कठिन साबित हो रहा है. इन सब के बीच जिले के दर्जनों प्रखंड में बड़ी संख्या में किसान जैविक विधि अपना कर सब्जियों का उत्पादन करने लगे है. सरकार जैविक विधि से कुछ सब्जियों के उत्पादन पर किसानों को अनुदान दे रही है, जिसका लाभ भी किसान उठा रहे हैं. Farmer””s news: बढ़ेगी मिट्टी की उर्वरा शक्ति जैविक खेती से भूमि की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है. फसल चक्र के रूप में सब्जियों की खेती से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी. ऐसे में जलवायु परिवर्तन में हो रहे बदलाव को देखते हुए जैविक खेती काफी कारगर साबित होगा. सहायक निदेशक उद्यान विकास कुमार कहते हैं कि जैविक खेती से मिट्टी, खाद्य पदार्थ और जमीन में पानी से होने वाले प्रदूषण में कमी आती है.जैविक खेती से रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होगी. वहीं इससे उत्पादन की लागत में कमी एवं आय में वृद्धि होगी. Farmer””s news: वेजफेड सब्जी उत्पादक किसानों को उपलब्ध करा रहा मार्केट सरकार सब्जी की खेती के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है. इसको ले कई योजनाएं चल रही हैं. वहीं सब्जी सोसाइटी भी अब धरातल पर काम करने लगा है. तिरहुत सब्जी विपणन एवं प्रसंस्करण सहकारी समिति लिमिटेड सब्जी उत्पादक किसानों को हर संभव मदद कर रहा है. वेजफेड के द्वारा सब्जी उत्पादक किसानों को बाजार उपलब्ध कराने से लेकर तैयार सब्जी क्रय करने तक की सुविधाएं मुहैया करा रही हैं. जिसका लाभ पूर्वी चंपारण सहित आसपास के आठ जिला के किसान लाभान्वित हो रहे हैं. Farmer””s news: इन सब्जियों की करें खेती अक्तूबर – आलू, टमाटर, सलाद, बैंगन, हरी प्याज, लहसुन, काली सरसों के बीज, मूली, पालक, पत्तागोभी, धनियां, सौंफ के बीज, राजमा, मटर, ब्रोकली,गाजार, शलगम, फूलगोभी, . नवंबर – मूली, पालक, पत्तागोभी, शिमला मिर्च, चुकंदर, शलगम, फूलगोभी, काली सरसों के बीज, प्याज, मटर, धनिया. दिसंबर – टमाटर, मूली, पालक, पत्तागोभी, सलाद, बैंगन व प्याज.
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