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अनामिका के व्हॉट्सऐप चैट में धमकीभरा मैसेज, तफ्तीश में जुटी पुलिस

विश्वभारती विश्वविद्यालय के शिल्प सदन की स्नातक-तृतीय वर्ष की छात्रा अनामिका सिंह(22) की अस्वाभाविक मौत के केस की जांच में जुटी पुलिस को कुछ चौंकानेवाली बातें पता चली हैं. इस बीच, अनामिका के माता-पिता की शिकायत पर शांतिनिकेतन थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है.

बोलपुर.

विश्वभारती विश्वविद्यालय के शिल्प सदन की स्नातक-तृतीय वर्ष की छात्रा अनामिका सिंह(22) की अस्वाभाविक मौत के केस की जांच में जुटी पुलिस को कुछ चौंकानेवाली बातें पता चली हैं. इस बीच, अनामिका के माता-पिता की शिकायत पर शांतिनिकेतन थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने छात्रा के सेलफोन की जांच की, तो उसके व्हॉट्सऐप चैट में कुछ धमकाऊ मैसेज मिले हैं.

इस मैसेज के एंगल से भी पुलिस तफ्तीश में लग गयी है. पुलिस सूत्रों की मानें, तो अनामिका ने गत सात अगस्त को अपने दोस्तों व प्रोफेसरों के साझा सोशल मीडिया ग्रुप में लिखा था, “मैं ग्रेजुएशन के तीसरे साल के पांचवें सेमेस्टर की छात्रा हूं. मेरे भाई का सिवियर एक्सिडेंट हो गया है. उसके इलाज के लिए पांच लाख रुपये की दरकार है. मेरा परिवार पहले ही चार लाख 30 हजार रुपये जुटा चुका है. अब भी 70 हजार रुपये की जरूरत है. हर किसी से मदद की गुहार लगा रही हूं.” इसके बाद शिल्पसदन के लगभग सभी लोग मदद को आगे आये. छात्रा के खाते में करीब 70 हजार रुपये भी जमा थे.

कोई ब्लैकमेल तो नहीं कर रहा था!

कहीं कोई अनामिका को ब्लैकमेल तो नहीं कर रहा था, जिससे उसे आत्मघात करना पड़ा. ऐसे कई सवालों से पुलिस जूझ रही है. अनामिका ने अपने भाई के दुर्घटनाग्रस्त होने और उसके ऑपरेशन के लिए पांच लाख रुपये की जरूरत होने का जिक्र उक्त मैसेज में किया था. अनामिका सिंह ने दोस्तों व प्रोफेसरों से मदद मांग कर रुपये जुटाये थे. अलबत्ता, पारिवारिक सूत्रों का दावा है कि घर में ऐसा कुछ नहीं हुआ था. फिर अनामिका को इतने रुपयों की जरूरत क्यों पड़ी? उसे सहपाठियों व प्रोफेसरों को संदेश भेज कर रुपये क्यों मांगे. इन सब पहलुओं की जांच के क्रम में पुलिस को अनामिका के व्हॉट्सऐप चैट के मैसेज मिले हैं.

ठग के चंगुल में फंसी होने से इंकार नहीं

आशंका है कि अनामिका किसी ठग के चंगुल में फंस गयी होगी, जो उसे रुपये के लिए ब्लैकमेल कर रहा था. पर वो व्यक्ति कौन है, उसे ढूंढना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की घटना के बाद पुलिस की काफी फजीहत हुई है. लिहाजा पुलिस ताजा मामले में संभल कर आगे बढ़ रही है. इधर, बोलपुर मंडल अस्पताल में फोरेंसिक जांच की सुविधा नहीं है. छात्रा के शव का पुलिस ने रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से पोस्टमार्टम कराया है.

ध्यान रहे कि अनामिका शांतिनिकेतन के आम्रपाली हॉस्टल में रह रही थी. गुरुवार शाम को रूममेट्स ने उसे अस्वस्थ पाया था. तुरंत वार्डन को बुलाया गया था. हॉस्टल सूत्रों की मानें, तो अनामिका को विश्वविद्यालय के पियर्सन मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया. हालत बिगड़ने पर उसे बोलपुर अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था. उसी रात अनामिका की मौत हो गयी. घटना का पता चलते ही अनामिका के माता-पिता व भाई बनारस से शुक्रवार सुबह बोलपुर पहुंच गये. मां प्रेमलता देवी ने कहा, “मेरी बेटी ने किसी के दबाव में आकर यह आत्मघाती कदम उठाया है. हम सच जानना चाहते हैं.” अनामिका की एक सहपाठी ने बताया, “पैसे भेजने के बाद भी अनामिका चिंतित थी. पूछने पर उसने व्हॉट्सऐप चैट पर ही लिखा था, “मैं ठीक नहीं हूं. कोई कर्ज के लिए मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है. मेरे पास रुपये कम हैं. फिर भी मुझे धमकी दी जा रही है. समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं.”””” फिर अनामिका ने कथित तौर पर उस गुमनाम शख्स के साथ हुए सारे व्हॉट्सऐप चैट को अपनी सहेली से साझा कर दिया था. एक शख्स ने अनामिका को धमकाते हुए लिखा, ””””रुपये का इंतजाम करो. क्या होनेवाला है, मालूम चलेगा आपको.’ अनामिका ने जवाब में लिखा, ””””क्या करेंगे मुझे? धमकी दे रहे हैं? जवाब आता है, ””””रुको कल मालूम चलेगा…”””” इस बीच, प्रोफेसर व सहपाठियों ने दिये रुपये भी अनामिका के खाते में नहीं हैं. पुलिस यह भी देख रही है कि रुपये दो खातों में भेजे गये थे. अनामिका के अलावा ये खाते किसके हैं. इन सब की गहन जांच में पुलिस लगी हुई है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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