वरीय संवाददाता, रांची़ राज्य के कांस्टेबल कैडर के लगभग 60 हजार सिपाहियों व हवलदारों को बिना शर्त देय तिथि से एमएसीपी का अब लाभ मिलेगा. यह लाभ सेवानिवृत्त सिपाहियों व हवलदारों को भी मिलेगा. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अंबुज नाथ की अदालत ने इस संबंध में दायर याचिका को सुनवाई के बाद स्वीकार कर लिया है. साथ ही अदालत ने डीजीपी द्वारा सिपाहियों की एमएसीपी के लिए लगायी गयी तीनों शर्तों को निरस्त कर दिया है. अपने आदेश में अदालत ने कहा है कि कार्यरत व सेवानिवृत्त सिपाहियों व हवलदारों को उनकी देय तिथि से बिना शर्त एमएसीपी का लाभ दिया जाये. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने अदालत को बताया कि कांस्टेबल कैडर के सिपाहियों व हवलदारों को एमएसीपी का लाभ तभी मिलेगा, जब वे ट्रेनिंग पास कर जायेंगे. इसे चुनाैती दी गयी. बाद में डीजीपी ने तीन शर्त लगा दी है, जो गलत है. पहली शर्त लगायी गयी थी कि यदि सिपाही अपनी स्वेच्छा से ट्रेनिंग में नहीं जाते हैं, दूसरी ट्रेनिंग में पहली बार पास नहीं होते हैं, तो उत्तीर्ण तिथि से तथा किसी अन्य कारणवश पहली बार ट्रेनिंग पास नहीं करते हैं, तो एमएसीपी का लाभ नहीं मिलेगा. अधिवक्ता श्री उपाध्याय ने इन शर्तों को गलत बताते हुए निरस्त करने का आग्रह किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने याचिका दायर की थी. उन्होंने एमएसीपी के लिए लगायी गयी शर्त को चुनाैती दी थी. बाद में संशोधित रिट पिटीशन दायर कर डीजीपी के आदेश को चुनाैती दी थी.
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