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Giridih News: 1.21 करोड़ ठगी के मामले में दंपती सहित तीन पर प्राथमिकी

Giridih News: गाजियाबाद की एक दंपती ने मंगरोडीह मौजा में पुलिस लाइन के पास 36 डिसमिल जमीन बिक्री का एग्रीमेंट किया था और अग्रिम के रूप में एक करोड़ 21 लाख 65 हजार रुपये लिया था. रुपये लेने के बाद भी जमीन रजिस्ट्री में चार वर्षों से आनाकानी की जा रही थी. गिरिडीह के बिल्डर ध्रुव संथालिया ने इस संबंध में नगर थाना में मामला दर्ज कराया है.

36 डिसमिल जमीन बेचने के लिए की गयी एग्रीमेंट का उल्लंघन करते हुए रजिस्ट्री नहीं करने और 1.21 करोड़ रुपये ठगी कर लिये जाने के मामले में नगर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. आरोप लगाया गया है कि गाजियाबाद की एक दंपती ने मंगरोडीह मौजा में पुलिस लाइन के पास 36 डिसमिल जमीन बिक्री का एग्रीमेंट किया था और अग्रिम के रूप में एक करोड़ 21 लाख 65 हजार रुपये लिया था. रुपये लेने के बाद भी जमीन रजिस्ट्री में चार वर्षों से आनाकानी की जा रही थी. गिरिडीह के बिल्डर ध्रुव संथालिया ने इस संबंध में नगर थाना में मामला दर्ज कराया है. श्री संथालिया ने अपने आवेदन में कहा है कि गिरिडीह अंचल के मंगरोडीह मौजा के खाता नंबर 97 में कुल 36 डिसमिल बेचने के लिए अनुराधा अग्रवाल और संजय अग्रवाल ने एग्रीमेंट किया था, जिसमें अनुराधा अग्रवाल के पति सुनील अग्रवाल भी गवाह के रूप में शामिल थे. श्री संथालिया ने अपने आवेदन के साथ लेन-देन का सारा विवरणी पुलिस को सौंपा है. संथालिया का कहना है कि जब वह एग्रीमेंट ले रहे थे तो उक्त प्रॉपर्टी को विवाद से मुक्त बताया गया था. फलस्वरूप उन्होंने शुरूआती दौर में एग्रीमेंट करने वाले दोनों लोगों को दस-दस लाख रुपये का एडवांस के रूप में भुगतान किया था. इसके बाद जरूरी काम बताकर उनसे अलग-अलग पार्ट में कुल एक करोड़ 21 लाख 65 हजार रुपये लिये गये. शेष रकम रजिस्ट्री की वक्त देने की बात थी, लेकिन रजिस्ट्री करने से दोनों भाई-बहन टाल-मटोल करते रहे. इस बीच जब उन्होंने जमीन के संबंध में जानकारी जुटाना शुरू किया तो जानकारी मिली कि एग्रीमेंट में मंगरोडीह के खाता नंबर 97 की उक्त जमीन में सरकारी जमीन भी शामिल है. सरकारी जमीन का फर्जी कागजात तैयार कर उन्हें बेचा गया है. शेष जमीन के लिए भी कई बार उन्होंने एग्रीमेंट करने वाले अनुराधा अग्रवाल और सुनील अग्रवाल के साथ-साथ संजय अग्रवाल को भी कई बार अनुरोध किया, लेकिन वे लोग न ही पैसा देने के लिए तैयार थे और न ही जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए.

पुराने रेट पर ही जमीन की हो रही थी मांग : अनुराधा

इधर जमीन की मालकिन अनुराधा अग्रवाल का कहना है कि जब एग्रीमेंट किया गया था, उस वक्त बिल्डर ध्रुव संथालिया को रजिस्ट्री करा लेने के लिए कहा गया था, लेकिन वह जमीन रजिस्ट्री कराने को तैयार नहीं थे. अब जमीन की कीमत दोगुनी हो गयी है. पुराने रेट पर वे जमीन की रजिस्ट्री नहीं कर सकते. कहा कि सरकारी जमीन होने की बात सरासर गलत है. उन्होंने न ही सरकारी जमीन का एग्रीमेंट किया है और न ही सरकारी जमीन का कोई फर्जी कागजात तैयार किया गया है. बताया कि मोटी रकम देने की बात भी बेबुनियाद है.

प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है : थाना प्रभारी

इधर नगर थाना के प्रभारी शैलेश प्रसाद ने कहा कि बिल्डर ध्रुव संथालिया के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. एक करोड़ 21 लाख 65 हजार रुपये लेकर जमीन की रजिस्ट्री नहीं करने का आरोप कुछ लोगों पर लगाया गया है. प्राथमिकी दर्ज करने के बाद मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है. इस मामले में आरोपियों को नोटिस भी जारी किया जायेगा और फिर विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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