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Giridih News: पुल निर्माण कंपनी से लेवी मांगने वाले चार गिरफ्तार, चार मोबाइल जब्त

Giridih News: कार्य के दौरान नक्सलियों की धमक से काम में लगे मजदूरों की परेशानी बढ़ा दी थी. संवेदक के अनुसार शुरूआती दौर में 35 लाख रुपये की मांग लेवी के रूप में की गयी थी. मांगने वाले खुद को नक्सली बता रहे थे. बाद में यह रकम घटता गया और कहा गया कि काम करना है तो पांच लाख रुपये निर्धारित स्थल पर पहुंचा दो.

पुल निर्माण कंपनी से लेवी मांगने के मामले में चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उनके पास से चार मोबाइल भी जब्त किया है. बता दें कि बगोदर थाना क्षेत्र के खेतको में मेसर्स उषा इन्फ्राटेक नामक कंपनी पुल का निर्माण कर रही है. पौने तीन करोड़ की लागत से बगोदर-विष्णुगढ़ दो प्रखंडों को जोड़ने वाली खोगिया नदी पर पुल निर्माण कार्य किया जा रहा है. निर्माण कार्य करीब तीन माह से किया जा रहा है. कार्य के दौरान नक्सलियों की धमक से काम में लगे मजदूरों की परेशानी बढ़ा दी थी. संवेदक के अनुसार शुरूआती दौर में 35 लाख रुपये की मांग लेवी के रूप में की गयी थी. मांगने वाले खुद को नक्सली बता रहे थे. बाद में यह रकम घटता गया और कहा गया कि काम करना है तो पांच लाख रुपये निर्धारित स्थल पर पहुंचा दो. रकम नहीं देने के कारण नक्सलियों के वर्दी में लगभग 20-25 की संख्या में अज्ञात लोग 26 अगस्त की रात में पहुंचे और कर्मियों के साथ मारपीट की थी. इसी मामले में बगोदर थाना में अज्ञात लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी भी दर्ज कराया गया.

एसपी के निर्देश पर बनी कमेटी ने मामले को किया उदभेदन

बताया जाता है कि एसपी डॉ विमल कुमार ने एसडीपीओ धनंजय कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की. इस टीम ने मामले के उद्भेदन के लिए अपना जाल बिछाना शुरू किया. बताया जाता है कि इस बीच संवेदक के साथ मोबाइल पर कई बार लेवी की मांग की गयी. पुलिस ने तकनीकी सहायता लेते हुए आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए अपना जाल बिछाया और सबसे पहले एक संदिग्ध अभियुक्त डेगलाल बास्के को गिरफ्तार किया. डेगलाल बास्के हजारीबाग के टाटी झरिया थाना क्षेत्र के खैरका का रहने वाला है. इसकी गिरफ्तारी के बाद एसडीपीओ धनंजय कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की गयी. गठित टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अन्य सहयोगी व हमलाकांड के आरोपी रामलाल मरांडी, महावीर सोरेन और दिनेश मांझी को छापामारी कर गिरफ्तार किया. रामलाल मरांडी भी हजारीबाग जिला के चितरामो, महावीर सोरेन टाटी झरिया के चुरचु और दिनेश मांझी टाटी झरिया के मुरकीटोला का रहने वाला है. गिरफ्तार लोगों के पास से पुलिस ने चार मोबाइल भी बरामद किय है.

लेवी मांगने में सक्रिय रहा है यह गिरोह : एसपी

एसपी डॉ विमल कुमार ने बताया कि लेवी मांगने के मामले में बगोदर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इसपर पुलिस की विशेष टीम ने काफी मेहनत कर इस गिरोह का न सिर्फ उद्भेदन किया, बल्कि इस गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार करने में भी सफलता हासिल की है. उन्होंने बताया कि यह गिरोह कई कांडों में आरोपी रहा है. हजारीबाग जिला के दारू, टाटीझरिया, विष्णुगढ़, बोकारो जिला के चतरोचट्टी, गिरिडीह जिला के बगोदर थाना क्षेत्र के विभिन्न ठेकेदारों और क्रशर मालिकों से लेवी का मांग किया जा रहा था. पूर्व में भी ये लोग लेवी के मांगने में जेल जा चुके हैं.

जमीन विवाद के लिए बेटे ने ही कर दी पिता की हत्या, दो गिरफ्तार

पांच सितंबर को ताराटांड़ के पंडरी के पास मिली अर्जुन यादव की लाश की गुत्थी भी पुलिस ने सुलझा ली है. पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसपी ने बताया कि अर्जुन यादव को उसके बेटे ने ही हत्या कर दी थी. मृतक का पुत्र अजय कुमार यादव जमीन का एक एग्रीमेंट पिता के द्वारा किये जाने से नाराज था. अजय ने खुलासा किया कि वह बीमार पिता का इलाज कराया करता था. जिसके कारण वह कर्जे में चला गया था. लेकिन पुस्तैनी जमीन को बेचने के लिए उसके पिता ने किसी से एग्रीमेंट कर दिया. इसके बाद वह अपने पिता की हत्या के फिराक में रहता था. दो महीना पूर्व उसने अपने एक सहयोगी बासुदेव यादव को 70 हजार रुपये की सुपारी भी दी थी. बेंगाबाद के फफुंदी निवासी बासुदेव यादव के साथ मिलकर उसने अपने पिता की हत्या की साजिश रची और उसकी हत्या कर दी. बताया कि सुपारी की पहली किस्त उसने 32 हजार रुपये बासुदेव यादव को दे दिया था और चार सितंबर की रात में दोनों ने मिलकर अर्जुन यादव की हत्या की साजिश रची. रात में ही दोनों अभियुक्तों ने योजना के अनुसार गिरिडीह के बड़ा चौक स्थित एक दुकान से फावड़ा का एक बैत खरीदा और निर्जन स्थान देखकर पिता के सर पर वार कर दिया जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मृत्यु हो गयी. पुलिस ने तकनीकी सेल की मदद से दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही घटना में प्रयुक्त किये गये फावड़ा का बैत एवं कांड में प्रयुक्त मोटरसाइकिल भी बरामद कर ली गयी है. एसपी ने बताया कि अजय कुमार यादव और बासुदेव यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस कांड में उदभेदन के लिए सदर एसडीपीओ विनोद रवानी के नेतृत्व में टीम गठित की गयी थी जिसमें गांडेय अंचल के पुलिस निरीक्षक कमाल खान, ताराटांड़ के थाना प्रभारी आनंद प्रकाश सिंह, गांडेय के थाना प्रभारी रघुनाथ सिंह, अहिल्यापुर के थाना प्रभारी गुलाम गौश, ताराटांड़ के पुलिस अवर निरीक्षक सुशांत कुमार चिरंजीवी, सहायक अवर निरीक्षक मुशा खान, जोधन महतो और जितेंद्र मेहता भी शामिल थे.

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